नई दिल्ली: संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की मंगलवार को बैठक होगी. समिति दो प्रतिष्ठित अतिथियों से बातचीत करेगी. सबसे पहले, वे दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.एन. पटेल से मिलेंगे. वह वर्तमान में दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टी.डी.एस.ए.टी.) के अध्यक्ष हैं.
इसके बाद वे भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि के साथ चर्चा करेंगे. समिति की अगली बैठक 2 अप्रैल को निर्धारित है. इसमें दो और प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ बातचीत होगी. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता इसमें अपने विचार साझा करेंगे.
इसके बाद शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश और भारत के 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी.एस. चौहान के साथ चर्चा होगी. ये बैठकें समिति द्वारा दोनों विधेयकों की समीक्षा का हिस्सा हैं. इनका उद्देश्य संविधान और केंद्र शासित प्रदेशों को नियंत्रित करने वाले कानूनों में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाना है. भाजपा सांसद और ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ (ओएनओई) जेपीसी के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने इससे पहले एएनआई को बताया था कि जेपीसी की आखिरी बैठक 18 मार्च को हुई थी जिसमें भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने भाग लिया था.
सोमवार की बैठक में हरीश साल्वे ने भाग लिया और तीन घंटे तक सदस्यों ने उनसे बातचीत की. सदस्यों ने भारत के पूर्व विधि आयोग के अध्यक्ष अजीत प्रकाश शाह के साथ भी लगभग दो घंटे तक बातचीत की. बैठक पांच घंटे तक चली और यह बहुत सकारात्मक बैठक थी. सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा.
पीपी चौधरी ने पहले एएनआई से कहा था कि हम देश के लाभ के लिए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लाएंगे. विशेषज्ञों के साथ चर्चा के जरिए सदस्यों की शंकाओं को दूर किया जा रहा है. एक पोर्टल लॉन्च किया जाना था, और इसका प्रेजेंटेशन दिया गया था.
उन्होंने कहा कि कुछ सुधार करने के बाद ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए वेबसाइट शुरू की जाएगी, जहां हितधारक और अन्य लोग अपनी राय साझा कर सकेंगे. ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर संविधान संशोधन विधेयक जो वर्तमान में संयुक्त संसदीय समिति (जे.पी.सी.) द्वारा समीक्षाधीन है. इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव क्रमों को एक समान करने का प्रस्ताव करता है.