एक्जिमा एक स्किन डिजीज है, जिसे एटोपिक डर्माटाइटिस नाम से भी जाना जाता है. यह एक लंबे समय तक रहने वाला त्वचा रोग है. एक्जिमा होने पर स्किन लाल हो जाती है, वहां सूजन हो जाता है, जिसे बार-बार खुजलाने की इच्छा होती है और खुजलाने पर वहां जलन होने लगती है. उस जगह से पानी भी निकलती है और उस जगह की चमड़ी मोटी हो जाती है. बता दें एक्जिमा एक बीमारी नहीं एक स्किन कंडीशन है. यदि सही से इसका इलाज किया जाए, हाइजीन और खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए तो यह ठीक हो सकता है.
नेशनल एक्जिमा एसोसिएशन के मुताबिक, इस खबर के माध्यम से जानते है कि एक्जिमा से पीड़ित लोगों को क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए. इससे पहले आपको इसके कुछ लक्षणों के बारे में बताते है…
एक्जिमा के लक्षण
- खुजली वाली, ड्राई, पपड़ीदार या मोटी स्किन
- स्किन पर लाल, सफेद, बैंगनी या ब्राउन रंग के धब्बे या निशान का होना
- ऐसे छाले का होना जिससे ट्रांसपेरेंट लिक्विड निकलता हो या ब्लड निकलता हो
- स्किन का कठोर या मोटा हो जाना, खास तौर पर लंबे समय तक खुजलाने के बाद
- त्वचा के रंग में बदलाव जैसे कि नॉर्मल स्किन टोन से ज्यादा या कम रंग
एक्जिमा होने का कारण
एक्जिमा माता-पिता से संतान में आनुवंशिक रूप से फैलता है, लेकिन अभी भी इसका सटीक कारण स्पष्ट नहीं है. एक्जिमा होने के अन्य यह भी कारण हो सकते हैं जिसमें थायराइड, हार्मोनल बदलाव, एलर्जी का इतिहास, लीवर या किडनी की समस्या, ड्राई स्किन, धूल, प्रदूषण, गंदगी, बहुत ज्यादा ठंड, कुछ तरह कूी दवाइयों का रिएक्शन, मेकअप, परफ्यूम और कुछ तरह के खाने शामिल है.
एक्जिमा से पीड़ित लोगों को क्या नहीं खाना चाहिए?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (ncbi) के मुताबिक, एक्जिमा से पीड़ित लोगों को में कुछ तरह के आहार को न खाने की सलाह दी जाती है, इसमें कई तरह के खाद्य पदार्थ शामिल हैं, जैसे गेहूं, ग्लूटेन, खट्टे फल, सोया, अंगूर, ब्रोकली, अंडे, डेयरी प्रोडक्ट जैसे पनीर, दही, घी आदि. इसके अलावा एक्जिमा से पीड़ित लोगों को टमाटर, सूखे मेवे, एवोकाडो, मसाले, जैसे दालचीनी से भी दूरी बना लेनी चाहिए. सी फूड्स जैसे कि मछली और शंख से एक्जिमा हो सकता है. डिब्बाबंद मांस, चॉकलेट, बीज, सेम, मटर, कुछ काली चाय और कुछ कोल्ड ड्रिंक्स भी डिहाइड्रोटिक एक्जिमा को बढ़ावा दे सकते हैं. इसके साथ ही ध्यान रखें कि आप अपने खाने में ज्यादा नमक ना खाए एक शोध में यह बात साबित हो चूकी है कि अधिक नमक के सेवन से एक्जिमा होने की संभावना को बढ़ाती है.
शोध क्या कहता है?
इसके साथ ही एक्जिमा से पीड़ित लोगों को कुछ तरह के केमिकल्स से भी बचना चाहिए, जैसे कि पैराबेंस, आइसोथायजोलिनोन, फॉर्मेल्डिहाइड और फॉर्मेल्डिहाइड रिलीजर्स और थायोमर्सल शामिल हैं. इसके साथ ही इन्हें साबुन, डिटर्जेंट और सुगंध, कुछ फैब्रिक, स्मोक और ड्राई वेदर और स्ट्रेस से भी बचने की सलाह दी जाती है. अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन फ्रांसिस्को (UCSF) के अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि हाल के वर्षों में विशेष रूप से औद्योगिक देशों में, क्रोनिक स्किन की समस्या आम हो गई है. ऐसा पर्यावरणी, लाइफस्टाइल और आहार के वजह से हुआ है.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)