30 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत होने जा रही है. मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर भक्तों के घर आएंगी.
हर साल की तरह इस साल भी चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से हो रही है. इस साल 30 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है. खास बात ये है कि इस साल मां दुर्गा शेर पर नहीं, बल्कि हाथी पर सवार होकर आएंगी. हाथी को समृद्धि, सौभाग्य और धैर्य का प्रतीक माना जाता है. इस बार अष्टमी और नवमी भी एक साथ पड़ रही है.
इस साल कलश स्थापना के दो मुहूर्त
कलश स्थापना के साथ ही मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा शुरू होती है. इस बार कलश स्थापना के दो मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 22 मिनट तक है. वहीं, दूसरा मुहूर्त 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक है.
मां दुर्गा की पूजा करने से पूरी होती है मनोकामनाएं
चैत्र नवरात्रि का पर्व हर साल बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. मान्यता है कि जो भी नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा और व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने का लाभ
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से घर में नकारात्मकता का प्रभाव कम होता है और सकारात्मकता आती है. साथ ही मन शुद्ध होता है.
पूजा करने की विधि
- सबसे पहले उठकर स्नान करना चाहिए, उसके बाद पूजास्थल की सफाई करना चाहिए.
- मां दुर्गा को लाल चुनरी और लाल पुष्प चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस दौरान लाल रंग शुभ माना जाता है.
- मां दुर्गा को चना और खीर का प्रसाद लगाना चाहिए.
- पूजा स्थल पर धूपबत्ती और देसी घी का दीपक जलाना चाहिए.
- पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए.
- पूजा के अंत में मां दुर्गा से अपनी गलतियों की क्षमा मांगना चाहिए.