इंडोनेशिया के कई इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन के बीच जावा द्वीप में एक की जान चली गई और 7 लोग लापता हो गए. ये तबाही बीते एक सप्ताह से राजधानी जकार्ता और आसपास के इलाकों में हो रही भारी बारिश की वजह से हुई है.
आपदा प्रबंधन से जुड़े एक अधिकारी के हवाले से ये बताया गया कि बीते एक सप्ताह से रह-रहकर हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से जकार्ता और आसपास के शहरों में तबाही मची हुई है. बाढ़ और पानी में फंसे हजारों लोगों को मुसीबत से बचाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है. इस बचाव कार्य में अत्याधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.
बाढ़ की विनाश लीला के बीच गुरुवार को वेस्ट जावा प्रदेश और उसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश से सुकाभूमि जिले के अधिकांश हिस्से में घरों, अस्पतालों और स्कूलों को भारी नुकसान पहुंचा है. लोकल डिजैस्टर एजेंसी के मुताबिक भारी बारिश से एक बच्चे की मौत हो गई और तीन अलग-अलग जिलों में 7 लोगों के लापता होने की खबर है.
स्थानीय आपदा एजेंसी के प्रवक्ता एंड्री सेतियावन ने एएफपी न्यूज एजेंसी को बताया कि लंबे समय से खराब मौसम और मूसलाधार बारिश के कारण ये विकराल समस्या खड़ी हुई है. भारी बारिश की इस विभीषिका से जिले के डेढ़ दर्जन कस्बों में बाढ़ और भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आई हैं. इस आपदा के बीच फंसे 200 से अधिक लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकाल कर ऊंचाई वाले स्थानों पर भी पहुंचाया गया है.
गौर करें तो इंडोनेशिया में नवंबर से अप्रैल महीने के बीच बारिश की मौसम रहता है. इस दौरान भारी बारिश होती है। तूफान आते हैं. बाढ़ आती है और जगह-जगह लैंड स्लाइड का की घटनाएं होती हैं. इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन की वजह से इस साल भारी बारिश हो रही है। तूफान की गति भी तेज हो गई है.
आंकड़ों पर गौर करें तो मध्य जावा में अकेले जनवरी माह में बाढ़ और भूस्खलन से 25 लोगों की जान चली गई. इसके पहले मई 2024 में वेस्ट सुमात्रा में बाढ़, बारिश और भूस्खलन और मलबे की वजह से 70 लोगों ने दम तोड़ दिया था.