यही नहीं, 6 नवंबर, 2024 को जारी नोटिफिकेशन में रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि अगर कस्टमर के केवाईसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है, तो ईमेल से भेजा गया उसका सेल्फ डिक्लेरेशन भी सत्यापन के लिए पर्याप्त होगा। नियम यह भी है कि यदि कस्टमर सामान्य रिस्क श्रेणी वाला है, तो दस साल में एक बार सत्यापन भी मान्य होगा।
बैंक में केवाईसी का मतलब क्या होता है?
KYC किसी संस्थान को एक निवेशक की पहचान और पते को प्रमाणित करने में सक्षम बनाता है। किसी ग्राहक को म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉज़िट, बैंक अकाउंट आदि में निवेश शुरू करने से पहले अपना KYC जमा करना होता है। हालांकि, किसी व्यक्ति को केवल एक बार ऐसा करना होता है जब वह पहली बार निवेश करना शुरू करता है।