Saturday, May 10, 2025

आदित्यपुर थाने में आरोपित ने की आत्महत्या, कंबल के टुकड़े से बनाया फंदा; परिजनों ने किया हंगामा

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आदित्यपुर थाना परिसर में पूछताछ के लिए लाए गए अनिल महतो ने आत्महत्या कर ली। मृतक पर नाबालिग बेटी को बहकाने का आरोप था। पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है और थाना परिसर में हंगामा भी किया। जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।

 आदित्यपुर थाना परिसर में शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाए गए रोड नंबर सात निवासी 55 वर्षीय अनिल महतो ने थाने के एक कमरे में कंबल के टुकड़े से फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।इस घटना से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और थाना की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना की सूचना मिलते ही एसडीपीओ समीर कुमार संवैया, हेडक्वार्टर डीएसपी प्रदीप उरांव और प्रशिक्षु डीएसपी पूजा कुमारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे।कमरे का दरवाजा तोड़कर अनिल महतो को बाहर निकाला गया और आनन-फानन में टाटा मुख्य अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

एसडीपीओ समीर कुमार संवैया ने बताया कि मृतक के खिलाफ एक महिला ने अपनी सौतेली नाबालिग बेटी को भड़काने का आरोप लगाया था। पूछताछ के लिए जांच अधिकारी ने उन्हें थाना बुलाया गया था।बार-बार बुलाने के बाद शुक्रवार को वह थाने आया और मोबाइल से नाबालिग बेटी के साथ हुए अश्लील चैटिंग को डिलीट कर दिया था। जांच अधिकारी ने चोरी पकड़ ली और चैटिंग को रिकवर कर लिया

बदनामी के डर से मृतक ने मौके का फायदा उठाकर एक कमरे में रखे पुराने कंबल के टुकड़े से पंखे से झूलकर खुदकुशी कर ली।एसडीपीओ ने माना कि कहीं न कहीं जांच अधिकारी अनीता सोरेन की भी गलती है। उनके खिलाफ मानवाधिकार आयोग के नियमों के तहत जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

मृतक के स्वजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

मृतक के भाई अशोक कुमार ने बताया कि अनिल को शुक्रवार सुबह 9:30 बजे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। देर शाम तक घर नहीं लौटने पर कई बार कॉल किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।शाम को थाना पहुंचने पर उन्हें अनिल की खुदकुशी की जानकारी मिली। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार को इस मामले की जानकारी नहीं दी गई और जांच अधिकारी के मानसिक दबाव की प्रक्रिया के कारण अनिल ने आत्महत्या की।अनिल महतो शादीशुदा थे, उनके तीन बच्चे हैं और वह आदित्यपुर-2, रोड नंबर 7 में स्टेशनरी की दुकान चलाते थे। घटना की सूचना मिलते ही परिजन थाना पहुंचे और जमकर हंगामा किया। स्वजनों ने जांच अधिकारी और थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग की।परिजनों ने थाना की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। फिलहाल वरीय अधिकारियों ने मामले की जांच के निर्देष दिए हैं।

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