आरबीआई एमपीसीकी 54वीं बैठक 7 अप्रैल को शुरू हो गई है, जिसकी आधिकारिक घोषणा आज 9 अप्रैल को होनी है.
नई दिल्ली: आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (आरबीआई एमपीसी) देश में ब्याज दरों की समीक्षा करने के लिए 7 से 9 अप्रैल के बीच अपनी तीन दिवसीय नीति का आयोजन कर रही है. यह टैरिफ युद्ध और अमेरिकी मंदी के जोखिम, मुद्रास्फीति में कमी और तरलता प्रबंधन में प्रस्तावित बदलावों जैसी बाहरी आर्थिक चुनौतियों की पृष्ठभूमि में हो रहा है.
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विकास और मूल्य स्थिरता को संतुलित करने में एमपीसी का निर्णय महत्वपूर्ण होगा. आइए जानते हैं कि आज क्या होने वाला है और आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के सामने क्या चुनौतियां हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस सप्ताह प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों तक की कटौती किए जाने की उम्मीद है, जिसमें कम महंगाई एक उदार मौद्रिक नीति रुख का समर्थन करती है. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के टैरिफ सहित वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच विकास को प्रोत्साहित करने के लिए इस कदम को भी आवश्यक माना जा रहा है.
फरवरी में गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया, जो मई 2020 के बाद पहली दर में कटौती थी. MPC की 54वीं बैठक 7 अप्रैल को शुरू हो गई है, जिसकी आधिकारिक घोषणा 9 अप्रैल को होनी है. मई 2020 में COVID-19 महामारी के दौरान कटौती के बाद दरों में बढ़ोतरी की एक श्रृंखला के बाद, RBI ने फरवरी 2023 से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर रखा था.