आजकल बालों से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं, जिनमें सबसे अधिक परेशान करने वाली समस्या है डैंड्रफ. सिर में लगातार खुजली होना, सफेद पपड़ी झड़ना और स्कैल्प का ड्राय होना इसके प्रमुख लक्षण हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि केवल मौसम या गंदगी ही नहीं, बल्कि शरीर में जिंक की कमी भी डैंड्रफ का एक प्रमुख कारण हो सकती है.
इस विषय में हमने बात की डॉ. नेहा सूद से, जो शिमला की एक वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ (Dermatologist) हैं. उनका कहना है, “डैंड्रफ केवल स्कैल्प पर फंगल इन्फेक्शन का परिणाम नहीं है, ये हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी और अन्य कारणों से हो सकता है. डैंडर्फ के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं.
क्या विटामिन B या ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी डैंड्रफ को ट्रिगर कर सकती है?
डॉ. नेहा सूद बताती हैं, ‘हां, शरीर में विटामिन B (खासकर B2, B6 और B12) और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी स्किन और स्कैल्प की सेहत पर असर डालती हैं. ये तत्व स्कैल्प को हाइड्रेटेड और हेल्दी रखने में मदद करते हैं, लेकिन इनकी कमी से स्कैल्प ड्राय होकर परतदार (flaky) हो जाती है, जिससे डैंड्रफ की संभावना बढ़ जाती है’.
क्या कैमिकल हेयर कलर और हार्ड शैंपू से डैंड्रफ होता है?
बिलकुल, हेयर कलर्स में मौजूद अमोनिया, परॉक्साइड और सल्फेट जैसे कैमिकल्स स्कैल्प को इरिटेट कर सकते हैं. बार-बार कलर करने या हार्ड शैंपू के इस्तेमाल से स्कैल्प ड्राय और संवेदनशील हो जाती है, जिससे डैंड्रफ, खुजली और हेयर फॉल जैसी समस्याएं हो सकती हैं. डॉ. नेहा सूद
जिंक की भूमिका
डॉ नेहा ने बताया कि ‘जिंक एक आवश्यक खनिज है जो हमारी त्वचा, बालों और नाखूनों की सेहत के लिए बेहद जरूरी है. ये शरीर में कोशिकाओं की मरम्मत, सूजन को नियंत्रित करने और स्कैल्प के ऑयल प्रोडक्शन को संतुलित करने में मदद करता है. जब शरीर में जिंक की मात्रा कम हो जाती है, तो स्कैल्प की त्वचा कमजोर पड़ने लगती है, जिससे मृत कोशिकाएं अधिक मात्रा में गिरने लगती हैं. यही मृत त्वचा डैंड्रफ का रूप ले लेती हैं’.
डैंड्रफ और जिंक की कमी में क्या है संबंध
- स्कैल्प की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है और जिंक की कमी से स्कैल्प पर बैक्टीरिया और फंगस जल्दी पनपते हैं.
- जिंक की कमी से सीबम उत्पादन असंतुलित हो जाता है, जिससे स्कैल्प बहुत ऑइली या बहुत ड्राय हो सकता है, दोनों ही स्थितियां डैंड्रफ को बढ़ावा देती हैं. (सीबम त्वचा की वसामय ग्रंथियों द्वारा उत्पादित एक मोमी, तैलीय पदार्थ है जो त्वचा को नमी प्रदान करता है और उसे सुरक्षित रखता है)
- त्वचा की मरम्मत धीमी हो जाती है, जिससे स्कैल्प पर खुजली और जलन बनी रहती है.
ये हैं जिंक के अच्छे स्त्रोत?
डॉ. नेहा सुझाव कहती हैं कि ‘यदि डैंड्रफ बार-बार हो रहा है और सामान्य शैंपू या घरेलू उपायों से ठीक नहीं हो रहा है, तो ब्लड टेस्ट करके जिंक की मात्रा की जांच करवाएं. यदि कमी पाई जाए, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लेना शुरू करें. भोजन में बदलाव करके इस कमी को दूर किया जा सकता है. कद्दू के बीज, दूध डेयरी उत्पाद जिंक के कुछ अच्छे स्रोत हैं’.
सर्दियों में स्कैल्प की नमी कम होने से डैंड्रफ क्यों बढ़ता है?
डॉ. नेहा सूद कहती हैं, ‘सर्दियों में हवा शुष्क होती है और हीटर या गर्म पानी का इस्तेमाल स्कैल्प की नेचुरल नमी को और भी कम कर देता है, जब स्कैल्प सूख जाती है, तो डेड स्किन सेल्स ज्यादा मात्रा में निकलने लगती हैं, जो डैंड्रफ का रूप ले लेती हैं. इसलिए सर्दियों में हल्के गर्म पानी और मॉइस्चराइजिंग शैंपू का इस्तेमाल जरूरी है.’
मानसिक तनाव कैसे डैंड्रफ को बढ़ाता है?
डॉ. नेहा सूद के अनुसार, ‘तनाव से शरीर में कॉर्टिसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है, जो स्किन और स्कैल्प पर भी असर करता है, यह स्किन की ऑयल प्रोडक्शन को बढ़ा सकता है, जिससे स्कैल्प पर फंगल ग्रोथ बढ़ जाती है और ये एक अहम कारण है डैंड्रफ का. साथ ही, तनाव इम्युनिटी को भी कमजोर करता है, जिससे स्कैल्प के नेचुरल बैलेंस में गड़बड़ी आ सकती है’.
घरेलू नुस्खे vs वैज्ञानिक इलाज
बहुत से लोग डैंड्रफ के लिए नींबू, दही या नारियल तेल जैसे घरेलू उपाय अपनाते हैं. ये उपाय कुछ हद तक राहत तो दे सकते हैं, लेकिन यदि समस्या का मूल कारण शरीर के अंदर है, तो केवल बाहरी उपाय पर्याप्त नहीं होते. डॉ. नेहा ने बताया, ‘हमेशा याद रखें कि स्कैल्प भी त्वचा का हिस्सा है और इसकी देखभाल भी अंदरूनी पोषण से ही होती है. अगर आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं, तो कोई भी शैम्पू चमत्कार नहीं कर सकता. डैंड्रफ को हल्के में लेना एक बड़ी भूल हो सकती है. यदि ये समस्या बार-बार हो रही है, तो यह आपके शरीर में चल रही पोषण संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकती है, विशेषकर जिंक की कमी का.सही जांच, संतुलित आहार और विशेषज्ञ की सलाह से इस समस्या से आसानी से निपटा जा सकता है.’