Join our community of SUBSCRIBERS and be part of the conversation.

To subscribe, simply enter your email address on our website or click the subscribe button below. Don't worry, we respect your privacy and won't spam your inbox. Your information is safe with us.

32,111FollowersFollow
32,214FollowersFollow
11,243FollowersFollow

News

Company:

Tuesday, April 29, 2025

अवैध तरीके से अमेरिका जाने में जान का खतरा, करोड़ों रुपये ऐंठ लेते दलाल, फिर भी बढ़ रही संख्या

Share

 भारत से बड़ी संख्या में लोग हर साल बेहतर अवसर की तलाश में गैरकानूनी तरीके से अमेरिका का रुख करते हैं. आंकड़ों के अनुसार, अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने में भारतीयों की संख्या अन्य देशों के मुकाबले तेजी से बढ़ रहा है. डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवास को अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान का प्रमुख मुद्दा बनाया था. अब राष्ट्रपति बनने के बाद वह इसे रोकने के लिए लगातार कठोर कदम उठा रहे हैं. यहां, हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारतीय कैसे अमेरिका में अवैध प्रवेश करते हैं और कितना खतरनाक होता है यह सफर.

क्या कहते हैं आंकड़ेः प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार 2022 तक करीब 7 लाख 25 हजार भारतीय अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे. भारत, मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अवैध रुप से प्रवास करने मामले में तीसरे स्थान पर है. 2019 के बाद से अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले भारतीयों की संख्या में पांच गुना वृद्धि देखी गई है. सीमा पार करने की कोशिश करते समय बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी होती है, इसके बाद भी बड़ी संख्या में लोग अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते रहते हैं.

अवैध प्रवासियों में भारतीयों का पांचवा स्थानः अवैध अप्रवासी मुख्य रूप से अमेरिका के कैलिफोर्निया, टेक्सास, फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी राज्यों में पाए जाते हैं. यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (यूएससीबीपी) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी सीमा से अमेरिका में प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों में भारतीयों का पांचवा स्थान हैं. नवंबर 2024 में बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2020 से यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) अधिकारियों ने उत्तरी और दक्षिणी भूमि सीमाओं पर अनधिकृत क्रॉसिंग का प्रयास करने वाले लगभग 1 लाख 70 हजार भारतीय प्रवासियों को हिरासत में लिया था.

प्रति घंटे 10 भारतीयों को गिरफ्तार कियाः यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (यूएस-सीबीपी) के आंकड़ों के अनुसार 1 अक्टूबर 2023 और 30 सितंबर 2024 के बीच, मैक्सिको और कनाडा के मार्गों से संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे 29 लाख लोगों को गिरफ्तार किया गया. उनमें से 90,415 भारतीय नागरिक थे. यानी इस अवधि के दौरान औसतन प्रति घंटे 10 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया. आईसीई के अनुसार अमेरिका में अवैध अप्रवासियों वाले 208 देशों की सूची में भारत 13वें स्थान पर है, जो होंडुरास और ग्वाटेमाला जैसे देशों के बाद दूसरे स्थान पर है.

अमेरिका में कुल अवैध अप्रवासी: आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 11 से 14 मिलियन अवैध अप्रवासी अमेरिका में हैं. हालांकि ट्रंप ने दावा किया है कि यह संख्या 20 से 25 मिलियन के करीब है. ट्रंप, जिन्होंने अवैध अप्रवास को अपने प्रमुख अभियान मुद्दों में से एक बनाया ने इसे प्राथमिकता के रूप में लिया है. ट्रंप प्रशासन ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले 655,000 व्यक्तियों और 1.4 मिलियन लोगों को निर्वासित करने को प्राथमिकता दी है, जिन्हें पहले ही निर्वासन आदेश मिल चुका है.

अमेरिका में कैसे होती है मानव तस्करीः

  1. संगठित तस्करी नेटवर्क होता है जो सीमा निगरानी के अंतराल का फायदा उठाते हैं.
  2. सोशल मीडिया और मौखिक प्रचार ने उत्तरी सीमा को क्रॉसिंग पॉइंट के रूप में लोकप्रिय बना दिया है.
  3. फर्जी वीजा या पासपोर्ट के माध्यम से विदेश में बसाने का लालच दिया जाता. जिसमें छात्र वीजा भी शामिल है.
  4. जिन व्यक्तियों के छात्र वीजा जारी किए गए थे, वे कभी संस्थान में शामिल नहीं हुए. विदेशी शिक्षा संस्थान भी रैकेट में शामिल हैं.
  5. प्रवासियों को आमतौर पर सौदा करने के लिए लुभाया जाता है और फिर बेईमान एजेंटों द्वारा उनका शोषण किया जाता है
  6. कंटेनर और जहाजों का उपयोग करके अवैध सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करते हैं.
  7. यह तरीका ख़तरनाक है क्योंकि ये प्रवासी अधिकारियों द्वारा पकड़े जा सकते हैं, जिससे उन्हें निर्वासित किया जा सकता है.
  8. एजेंट अवैध अप्रवासियों को जाली दस्तावेज़ भी प्रदान करते हैं, जिनमें निवास परमिट और ड्राइविंग लाइसेंस शामिल हैं.

डेरियन गैप को पार करना पड़ताः इसके लिए प्रवासियों को सबसे पहले इक्वाडोर, बोलीविया, गुयाना, ब्राजील और वेनेजुएला जैसे लैटिन अमेरिकी देशों में भेजा जाता है. ब्राजील और वेनेजुएला जैसे जगहों पर हवाई अड्डा पर ही पर्यटक वीजा मिल जाता है. कोलंबिया पहुंचने के बाद, अवैध अप्रवासी फिर पनामा में प्रवेश करते हैं. यह मार्ग काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि उन्हें दोनों देशों के बीच एक खतरनाक जंगल, डेरियन गैप को पार करना पड़ता है.

भूखे पेट पैदल जंगल पार करतेः जिन्हें अमेरिका में प्रवेश करना होता है उन्हें एजेंट कोलंबिया को पनामा से जोड़ने वाले डेरियन गैप की पूरी लंबाई तक चलने के लिए कहते हैं. लोग अक्सर भूखे पेट कई दिनों तक पैदल चलकर इस कार्टेल-प्रभावित क्षेत्र को पार करते हैं. यहां जहरीले सांपों का भी खतरा रहता है. इसे पार करने के दौरान जानलेवा बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं. इन सबसे बचते हुए, एक बार जब वे पनामा के जंगल को पार कर लेते हैं तो अमेरिकी सीमा में प्रवेश करने के लिए मैक्सिको की ओर बढ़ते हैं.

अमेरिका-कनाडा सीमा से अमेरिका में प्रवेश: आव्रजन एजेंटों या मानव तस्करों ने पिछले कुछ वर्षों में अवैध अप्रवासियों को उनके चुने हुए गंतव्य तक पहुंचने के लिए विभिन्न तरीके विकसित किए हैं. पिछले कुछ वर्षों में कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच की सीमा पर भारतीय नागरिकों द्वारा अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने मामलों में वृद्धि देखी गई है. वर्ष 2024 में अमेरिका-कनाडा सीमा पर 43 हजार 764 भारतीय प्रवासी पकड़े गए हैं.

डुंकी या डोंकी फ्लाइट्स क्या है: डुंकी पंजाबी मुहावरा है, जिसका अर्थ है “एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना”. माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अनुसार यह “डोंकी फ्लाइट्स” या “डोंकी फ्लाइट्स विधि” के लिए एक बोलचाल का शब्द है. इसमें दूसरे देशों में कई स्टॉप के माध्यम से एक पिछले दरवाजे के रास्ते से देश की सीमाओं को पार करना शामिल है. डोंकी फ्लाइट्स अवैध अप्रवासियों को दूसरे देशों में कई स्टॉप के माध्यम से अपने इच्छित गंतव्य तक प्रवेश करने में सक्षम बनाने के लिए आव्रजन खामियों का फायदा उठाने का एक तरीका है.

अमेरिका जाने के डंकी मार्गों पर नजरः नई दिल्ली से हंगरी, और वहां से फ़्रांस, फिर विमान से मेक्सिको की राजधानी मेक्सिको सिटी पहुंचते हैं. मेक्सिको सिटी से, शरणार्थी बस से सीमा तक पहुंचते हैं, फिर कैलिफोर्निया में प्रवेश करते हैं. दिल्ली से शारजाह से बाकू (अज़रबैजान) से इस्तांबुल (तुर्की) से पनामा सिटी (पनामा) से सैन साल्वाडोर (एल साल्वाडोर) से तापचुला (मेक्सिको) और अंत में तिजुआना या मेक्सिकैली से अमेरिका पहुंचते हैं.

वर्षअवैध रूप से अमेरिकी सीमा में प्रवेश करते समय हुए मुठभेड़
20198027
20201227
202130,662
202263,927
202396,917

शारजाह के रास्ते काफी लोकप्रियः इस रास्ते का चयन इसलिए भी किया जाता है क्योंकि कई भारतीय अमीरात की यात्रा करते हैं. इस मार्ग पर आगे की पहली मंजिल के रूप में बाकू को चुना गया है, क्योंकि अज़रबैजान का वीज़ा 30 मिनट से भी कम समय में प्राप्त किया जा सकता है और यह 30 दिनों के लिए वैध होता है. अजरबैजान के वीजा के लिए रिटर्न टिकट की आवश्यकता होती है, जिसे ये एजेंट तुर्की एयरलाइंस पर बुक करते हैं. क्योंकि उस एयरलाइन की सभी उड़ानें इस्तांबुल में रुकती हैं. इस्तांबुल में, रैकेटियर यात्री को दिल्ली की कनेक्टिंग फ्लाइट मिस करने का निर्देश देते हैं. वे पनामा में पनामा सिटी के लिए तुर्की एयरलाइंस की फ्लाइट बुक करते हैं, जहां से अल साल्वाडोर के लिए COPA एयरलाइंस की फ्लाइट लेते हैं. अल साल्वाडोर में दो-तीन दिन तक प्रतीक्षा करते हैं, फिर एजेंट ग्वाटेमाला के माध्यम से मैक्सिको जाने के लिए उनके लिए टैक्सियों की व्यवस्था की जाती है.

निकारागुआ के रास्ते अमेरिका पहुंचते हैंः निकारागुआ, मध्य अमेरिका का सबसे बड़ा देश है. जिसकी सीमा उत्तर में होंडुरास, पूर्व में कैरिबियन, दक्षिण में कोस्टा रिका और पश्चिम में प्रशांत महासागर से लगती है. निकारागुआ के रास्ते हवाई मार्ग तेजी से लोकप्रिय हो गया है, क्योंकि अमेरिका में शरण लेने के इच्छुक प्रवासी डेरियन गैप के खतरनाक रास्ते से बच सकते हैं. निकारागुआ में आगमन पर वीजा मिल जाता है. यहां से, तस्कर ट्रोजेस और लास मानोस में अनौपचारिक सीमा क्रॉसिंग के माध्यम से होंडुरास में अप्रवासियों को ले जाते हैं. वहां से प्रवासी उत्तर की ओर दक्षिण मैक्सिको की ओर बढ़ते हैं, वे यूएस-मेक्सिको सीमा में प्रवेश करते हैं.

हर छह घंटे में एक भारतीय निर्वासित: अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) की रिपोर्ट के अनुसार 2024 में अमेरिका से हर छह घंटे में एक भारतीय को निर्वासित किया गया. 2021 (कुल 59,011 निर्वासितों में से 292) और 2024 (2,71,484 में से 1,529) के बीच निर्वासित भारतीयों की संख्या में 400% की वृद्धि हुई है. 2019 और 2020 के कोविड वर्षों के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान, कुल 3,928 अवैध भारतीय अप्रवासियों को भारत वापस भेजा गया था. 2021 में जब जो बिडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो 2024 में रिपोर्ट जारी होने तक निर्वासित भारतीयों की कुल संख्या 3,467 तक पहुंच गई थी.

अमेरिका जाते समय कितने लोगों ने गंवाई जानः जनवरी 2022 में चार लोगों का एक गुजराती परिवार अमेरिका-कनाडा सीमा से दस मीटर की दूरी पर मृत पाया गया. दंपति और उनके दो बच्चे बर्फीले तूफ़ान में फंस गए थे. अप्रैल 2023 में चार लोगों के एक अन्य गुजराती परिवार द्वारा अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करते समय सेंट लॉरेंस नदी में उनकी नाव डूब गई. अप्रैल 2023 में, अमेरिकी अधिकारियों ने सेंट रेजिस नदी से छह भारतीयों को बचाने में कामयाबी हासिल की थी. उनकी नाव डूब रही थी. जनवरी 2023 में यूएसए के लिए रवाना हुए नौ गुजरातियों को गिरफ्तार किया गया था. जून 2019 में भारत की एक छह वर्षीय लड़की की एरिजोना के रेगिस्तान में हीट स्ट्रोक से मौत हो गई थी.

कितना खर्च आता हैः मार्च 2024 में ईडी की जांच में आरोप लगाया गया कि ​विदेश जाने के इच्छुक यात्रियों से एजेंसियां एक यात्री से 60 से 75 लाख रुपये तक चार्ज करती है. एक जोड़े यानी की पति और पत्नी से 1 से 1.25 करोड़ वसूलते हैं. और अगर बच्चे भी साथ में हों तो 1.25 से 1.75 करोड़ रुपये तक वसूलते हैं.

अवैध प्रवास के कारण: आर्थिक कठिनाइयां और वीजा में देरी कई भारतीयों को अनधिकृत प्रवास करने के लिए मजबूर करता है. सर्किल ऑफ़ काउंसल के पार्टनर रसेल ए स्टैमेट्स के अनुसार, अमेरिका में सबसे कम प्रति व्यक्ति आय मिसिसिपी राज्य में 48,110 डॉलर है. भारत की शुद्ध राष्ट्रीय आय इसका लगभग 2.4% लगभग 1,161 डॉलर है. बिहार में प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है जो लगभग 708 डॉलर है.

Read more

Local News