अमेरिका में एक तलाकशुदा महिला पर बेटे की हत्या का आरोप लगाया गया. आरोप सिद्ध होने पर उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है.
अमेरिका में एक भारतीय मूल की महिला पर मासूम बेटे की हत्या का बड़ा आरोप लगा है. तीन दिनों तक डिज्नीलैंड में बिताकर लौटने के बाद उसने कथित तौर पर बेटे की गला रेतकर हत्या कर दी.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार 48 वर्षीय सरिता रामाराजू पर अपने बेटे का गला रेतकर हत्या करने का एक गंभीर आरोप लगाया गया है. महिला डिज्नीलैंड में छुट्टियां मनाने गई थी. कैलिफोर्निया के ऑरेंज काउंटी के जिला अटॉर्नी कार्यालय की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि यदि वह सभी आरोपों में दोषी पाई जाती है तो उसे अधिकतम 26 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.
रामाराजू 2018 में लड़के के पिता से तलाक लेने के बाद कैलिफोर्निया से बाहर चली गई थी. वह अपने बेटे के साथ कस्टडी विजिट के लिए सांता एना के एक मोटल में रह रही थी. इस विजिट के दौरान उसने अपने बेटे के लिए डिज्नीलैंड के लिए तीन दिन की पास खरीदी.
19 मार्च को जिस दिन रामाराजू को मोटल से चेकआउट करना था और लड़के को उसके पिता को सौंपना था. लेकिन उसने सुबह फोन करके बताया कि उसने अपने बेटे की हत्या कर दी है और आत्महत्या के लिए गोलियां खा ली है.
सांता एना पुलिस मोटल पहुंची और पाया कि छोटा लड़का डिज्नीलैंड की यादगार वस्तुओं के बीच एक कमरे में बिस्तर पर मृत पड़ा था. बयान में कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि लड़के की मौत कई घंटे पहले हुई. लड़के को उसी दिन उसके पिता को लौटा दिया जाना था.
मोटल के कमरे के अंदर एक बड़ा रसोई में इस्तेमाल किया जाने वाला चाकू मिला. इसे एक दिन पहले खरीदा गया था. अज्ञात पदार्थ के सेवन के बाद रामाराजू को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और लड़के की चाकू घोंपकर हत्या करने के संदेह में उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
ऑरेंज काउंटी के जिला अटॉर्नी टॉड स्पित्जर ने कहा कि किसी बच्चे का जीवन दो ऐसे अभिभावकों के बीच अधर में नहीं लटकना चाहिए, जिनका एक-दूसरे के प्रति गुस्सा, उनके बच्चे के प्रति प्यार से अधिक हो. क्रोध आपको यह भूला देता है कि आप किससे प्यार करते हैं और आप किस काम के लिए जिम्मेदार हैं.
एक बच्चे के लिए सबसे सुरक्षित जगह उसके माता-पिता की गोद में होनी चाहिए. अपने बेटे को प्यार से गले लगाने के बजाय, उसने उसका गला काट दिया और भाग्य के सबसे क्रूर मोड़ में उसे उसी दुनिया से दूर कर दिया, जिसमें वह उसे लेकर आई थी.
हालांकि बयान में उस लड़के का नाम नहीं बताया गया, जिसे घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरिता रामाराजू पिछले साल से अपने पति प्रकाश राजू के साथ बच्चे की कस्टडी को लेकर लड़ाई लड़ रही हैं, जब उन्होंने उन पर बिना उनकी सलाह के मेडिकल और स्कूल संबंधी निर्णय लेने का आरोप लगाया था.
साथ ही आरोप लगाया था कि उन्हें मादक पदार्थों के सेवन की लत है. एनबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रकाश राजू ने अदालती दस्तावेजों में कहा था कि उनका जन्म और पालन-पोषण भारत के बेंगलुरु में हुआ. जनवरी 2018 में दोनों का तलाक हो गया था. अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार राजू को बेटे की कस्टडी दी गई और सरिता रामाराजू को उससे मिलने-जुलने का अधिकार मिला.
नवंबर में दायर अदालती दस्तावेजों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि मां फेयरफैक्स, वर्जीनिया में रह रही थी और चाहती थी कि उसका बेटा उसके साथ रहे. रामाराजू ने अपने पूर्व पति पर ड्रग्स के सेवन का रिकॉर्ड होने का आरोप लगाया था और कहा था कि वह शराब, ड्रग्स और धूम्रपान के प्रभाव में बहुत आक्रामक हो जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि राजू ने अपनी पूर्व पत्नी पर उन्हें दुर्व्यवहार, ड्रग्स के सेवन जैसे झूठे आरोप लगाये.