Friday, April 18, 2025

अब दिल्ली एम्स में सीधे रेफर हो सकेंगे देवघर एम्स के मरीज, केंद्रीय मंत्री ने लॉन्च किया नया पोर्टल

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के एम्स अस्पतालों के बीच इंटर-एम्स रेफरल पोर्टल शुरू किया है जिससे मरीजों को त्वरित इलाज मिल सकेगा। इस पोर्टल से दिल्ली एम्स और अन्य एम्स के बीच रेफरल सिस्टम लागू होगा जिससे मरीजों का इलाज तेजी से होगा। गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के अनुसार यह प्रणाली मरीजों की निगरानी और इलाज को सरल बनाएगी और लाइलाज बीमारियों का इलाज भी बेहतर होगा।

देवघर। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नई व्यवस्था के तहत जिन मरीजों का देवघर सहित अन्य 22 एम्स में इलाज नहीं हो पाएगा, उन्हें तत्काल दिल्ली एम्स रेफर किया जा सकेगा। इसके लिए सभी एम्स के बीच रेफरल सिस्टम लागू किया जाएगा।

इसके तहत देशभर के नए एम्स से रेफर मरीजों को दिल्ली एम्स में त्वरित इलाज मिल सकेगा। इसी क्रम में मंगलवार को देशभर के एम्स की सेंट्रल इंस्टीट्यूट बॉडी (सीआईबी) की बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने “इंटर-एम्स रेफरल” पोर्टल जारी किया। यह पोर्टल देशभर के एम्स और दिल्ली एम्स के बीच रेफरल सिस्टम को व्यवस्थित करने में मददगार साबित होगा।

गोड्डा सांसद ने दी जानकारी

गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने बताया कि इस पोर्टल से सभी एम्स जुड़ जाएंगे। दिल्ली एम्स से सभी की निगरानी होगी। मसलन देवघर एम्स में कोई मरीज भर्ती है और संबंधित बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टर दिल्ली एम्स या कोलकाता या विलासपुर या पटना अथवा किसी अन्य एम्स में पदस्थापित हैं तो उस मरीज को तत्काल संबंधित एम्स में रेफर कर दिया जाएगा।

बता दें कि फिलहाल देवघर एम्स में भर्ती मरीज का उपचार दिल्ली एम्स की निगरानी में होगा। इस ऐप से यह मॉनिटरिंग होती रहेगी कि किस एम्स में कौन से मरीज भर्ती हैं। उनकी चिकित्सीय रिपोर्ट की मॉनिटरिंग होती रहेगी। सांसद डॉ. दुबे ने कहा कि इससे लाइलाज बीमारी का इलाज करवाने मरीजों को सुविधा होगी।

देशभर के एम्स के बीच सहयोग बढ़ेगा:

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एम्स ने यह पोर्टल तैयार किया है। इस पोर्टल के तहत एक ऑनलाइन डैशबोर्ड होगा जिस पर सभी एम्स में भर्ती मरीजों, खाली बेड आदि की जानकारी उपलब्ध होगी। इसके अलावा, फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि इस पोर्टल के जरिए ट्रांसफर किए गए मरीज की जानकारी भी एक-दूसरे से साझा की जाएगी। इससे इलाज में इंतजार की समस्या कम होगी।

फिलहाल, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह सुविधा दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर एम्स के बीच शुरू की गई है। इसके बाद इसे देशभर के एम्स के बीच लागू किया जाएगा।

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