गोलंबर न होने से वाहनों का आवागमन अनियंत्रित रहता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. स्पीड कम करने या फिर आगे तीखी मोड़ है. इससे संबंधित कोई साइन बोर्ड भी एनएचएआई ने नहीं लगाया है. इससे मधौल बाईपास मोड़ पर हमेशा खतरे की आहट सुनाई देती रहती है.
राष्ट्रीय राजमार्ग 77 (नया एनएच 22) पर स्थित मधौल बाईपास मोड़ इन दिनों मौत का मोड़ बन गया है. तेज रफ्तार वाहनों के चलते यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. इस खतरनाक मोड़ पर गोलंबर की सख्त जरूरत है, ताकि यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया जा सके और हादसों पर अंकुश लगाया जा सके. स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस मोड़ पर वाहनों की तेज रफ्तार और गलत तरीके से ओवरटेक करने के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं. खासकर रात के समय यहां की स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है.

लोग लगा रहे गुहार लेकिन सुनने वाला कोई नहीं
स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने राजमार्ग प्राधिकरण से तत्काल इस मोड़ पर गोलंबर का निर्माण कराने की मांग की है. गोलंबर के निर्माण से यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आयेगी. यह मोड़ स्थानीय लोगों और यात्रियों दोनों के लिए सुरक्षित हो जायेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मोड़ अब एक्सीडेंटल जोन बन गया है, और यहां गोलंबर का निर्माण होना बहुत जरूरी है.

क्या बोले ट्रैफिक DSP
ट्रैफिक डीएसपी नीलाभ कृष्ण ने कहा “इस खतरनाक मोड़ के बारे में वरीय अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. यहां पर दुर्घटना नहीं हो. इसके लिए एनएचएआई, परिवहन विभाग से लेकर मुख्यालय तक के वरीय अधिकारियों से गोलंबर सहित आवश्यक अन्य तरह की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया है.