Monday, May 12, 2025

अब जियो टैगिंग से रखा जाएगा पुराने पेड़ों का ख्याल, झारखंड में लागू होगा केंद्र सरकार का फैसला

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झारखंड में पुराने पेड़ों को बचाने के लिए अब जियो टैगिंग की जाएगी। केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्य सरकार को यह निर्देश दिया है। राज्य में राजमार्गों के किनारे 20 हजार से ज्यादा ऐसे पेड़ हैं जो 100 साल से अधिक पुराने हैं। अब जियो टैगिंग से इन वृक्षों की सुरक्षा और संरक्षण किया जाएगा।

रांची। पर्यावरण संरक्षण के लिए नए पेड़ लगाने के साथ पुराने पेड़ों के संरक्षण पर भी केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राज्यों को काम करने को कहा है।

राज्य में स्टेट और नेशनल हाईवे के किनारे करीब 20 हजार ऐसे पेड़ हैं जिनकी आयु 100 साल से अधिक है। खास बात यह है कि रांची, सिमडेगा, साहिबगंज और दुमका में ऐसे पेड़ बहुतायत में है।

सड़कों के चौड़ीकरण या नई सड़कों के निर्माण के लिए पेड़ों को वन विभाग की अनुमति के साथ काटा जाता है। अब केंद्र सरकार ने इसके लिए पर्यावरण आडिट कराने के निर्देश दिए हैं।

नई योजनाओं के लाभ और पुराने पेड़ काटने से होने वाली हानि की आडिट रिपोर्ट के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई होगी। इसके अलावा सड़क किनारे नए वृक्षों को लगाने का काम भी जारी रहेगा।

केंद्र सरकार ने राज्यों के वन एवं पर्यावरण विभाग से तय मानदंड के हिसाब से स्टेट हाईवे समेत नगर निकाय में भी पौधरोपण की गति बढ़ाने को कहा है।

वनों में हो रही वृक्षों की जियो टैगिंग

राज्य के वनों में महुआ, साल समेत कई प्रजाति के वृक्षों की जियो टैगिंग हो रही है। इसका उद्देश्य इनकी सुरक्षा के साथ वृक्षों की उत्तरजीविता की जांच भी है।

राज्य की पारिस्थितिकी में वृक्षों के लंबे समय तक जीवित रहने के लिए आवश्यक तत्व हैं। पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि हाल के दिनों में जलवायु परिवर्तन की वजह से पुराने वृक्ष स्वत: मृत हो जा रहे हैं। वनों में पौधरोपण के साथ नमी बढ़ाकर ही इनकी सुरक्षा हो सकती है।

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