सिरदर्द थकान, मानसिक तनाव या अन्य कारणों से हो सकता है. हालांकि, सिरदर्द बार-बार होता है और कई दिनों या हफ्तों तक रहता है, तो…
कई बार थकान या नींद की कमी के कारण भी सिर दर्द हो सकता है. इसी तरह मौसम में अचानक बदलाव, तनाव या अन्य मानसिक दबाव भी सिरदर्द का कारण बन सकते हैं. कुछ लोगों को लगातार सिरदर्द की समस्या हो सकती है जो घंटों या दिनों तक बनी रहती है और ऐसे मामलों में सिरदर्द किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. इसलिए इसे नजरअंदाज न करें. आज इस खबर के माध्यम से जानें कि सिरदर्द होने के क्या-क्या कारण हो सकते है.
नींद की कमी
देर तक जागना और पर्याप्त नींद न लेना मस्तिष्क और शरीर पर तनाव डालता है. जिससे सिर दर्द होता है. नींद की कमी शरीर और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को कम कर सकती है और लगातार नींद की कमी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है. अगर आपको बार-बार सिर दर्द होता है, तो यह अनिद्रा का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है. इसे ठीक करने के लिए उचित और पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है.

साइनस संबंधी समस्याएं
साइनस की समस्या से भी बार-बार सिरदर्द हो सकता है. साइनस संक्रमण या क्रोनिक साइनसिसिस चेहरे के चारों ओर साइनस गुहाओं में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे सिरदर्द, नाक बंद होना और चेहरे में दर्द हो सकता है. साइनस की समस्या लॉन्ग टर्म के लिए हो सकती है और इसके लिए डॉक्टर से उचित उपचार की आवश्यकता होती है.
हाई ब्लड प्रेशर
हाई ब्लड प्रेशर के कारण ब्लड वेसेल्स पर दबाव पड़ता है, जिससे सिरदर्द हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर दिल और ब्लड वेसेल्स के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. ऐसे समय में सिरदर्द के साथ चक्कर आना, कमजोरी और सीने में दर्द भी हो सकता है, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए सही डाइट, व्यायाम और दवाएं महत्वपूर्ण हैं.

मस्तिष्क का ट्यूमर
मस्तिष्क में ट्यूमर या गांठ होने पर भी सिरदर्द हो सकता है. यह प्रकार अधिक गंभीर हो सकता है, क्योंकि ट्यूमर मस्तिष्क पर दबाव डालता है, जिससे गंभीर सिरदर्द हो सकता है. यदि आपको गंभीर और लंबे समय तक सिरदर्द रहने लगे, तो आपको ब्रेन ट्यूमर हो सकता है. ऐसे मामलों में तुरंत एमआरआई या सीटी स्कैन कराना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार लेना चाहिए.
माइग्रेन
माइग्रेन एक विशेष प्रकार का सिरदर्द है जो सिर के एक तरफ तेज दर्द का कारण बनता है. माइग्रेन के साथ मतली या चक्कर आना भी हो सकता है, साथ ही प्रकाश या शोर के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ सकती है. नींद की कमी और मौसम में बदलाव माइग्रेन को और अधिक एक्टिव बना सकते हैं. माइग्रेन से पीड़ित लोगों को सही दवाओं की आवश्यकता होती है, और कुछ लोगों को खास डाइट या लाइफस्टाइल में बदलाव की आवश्यकता हो सकती है.

तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
तनाव और मानसिक दबाव भी सिरदर्द का कारण बन सकते हैं. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे चिंता, अवसाद या PTSD (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) सिरदर्द का कारण बन सकती हैं. मानसिक तनाव शरीर के अलग-अलग भागों में दर्द पैदा कर सकता है और सिरदर्द इसके सामान्य लक्षणों में से एक है. ऐसी स्थिति में मानसिक तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना बहुत जरूरी है.
बता दें, सिरदर्द कई कारणों से हो सकता है. हालांकि, बार-बार होने वाला और गंभीर सिरदर्द किसी गंभीर बीमारी का लक्षण हो सकता है, इसलिए इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. यदि सिरदर्द गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह करें. सही इलाज और समय पर पता चलने से कई गंभीर बीमारियों को रोका जा सकता है.
सोर्स-https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK559083/
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)