Thursday, January 23, 2025

होम गार्ड बहाली में फर्जीवाड़े की खबर से हड़कंप, रडार पर दारोगा सहित ये अधिकारी

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झारखंड सरकार के गृह विभाग में गृह रक्षक रघुराम राम रिटायर होने के दो साल बाद भी कार्यरत रहा और वेतन लेता रहा। विभागीय जांच में इसकी जानकारी सामने आने के बाद अब FIR की तैयारी है। वहीं हजारीबाग में भी गृह रक्षक भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है इस मामले में 23 फर्जी गृह रक्षकों सहित अन्य को आरोपित बनाया है।

 रांची। सेवानिवृत्ति के दो वर्ष बाद भी झारखंड सरकार के गृह विभाग में गृह रक्षक रघुराम राम कार्यरत रहा। वह वेतन भी लेता रहा। विभागीय समीक्षा में जानकारी सामने आने के बाद अब गृह रक्षक रघुराम राम के विरुद्ध एफआइआर की तैयारी है। वहीं हजारीबाग में भी गृह रक्षकों की बहाली में फर्जीवाड़े की खबर सामने आई है।

2022 में हुआ रिटायर

  • मिली जानकारी के अनुसार रघुराम राम वर्ष 2022 के अक्टूबर महीने में ही 60 साल का हो गया था, यानी सेवानिवृत्त हो गया था।
  • उसकी प्रतिनियुक्ति गृह विभाग में थी, सेवानिवृत्ति के बावजूद वह कार्यरत रहा और वेतन लेता रहा।

गृह रक्षकों की बहाली में फर्जीवाड़ा

इधर, हजारीबाग जिले में गृह रक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा की सूचना है। सूचना है कि वहां सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ कर 23 लोगों को गृह रक्षक के रूप में बहाल कर दिया गया है।

जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अवैध तरीके से बहाल गृह रक्षकों के खाते में नौ अक्टूबर 2020 से 18 अक्टूबर 2024 तक करीब एक करोड़, तीन लाख 72 हजार 734 रुपये का भुगतान भी हो गया है।

डीजी गृह रक्षा वाहिनी अनिल पाल्टा के निर्देश पर गृह रक्षा वाहिनी हजारीबाग के समादेष्टा रोहित आनंद ने लोहसिंघना थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।उन्होंने गृह रक्षा वाहिनी गिरिडीह के जिला समादेष्टा रवि कुमार कुजूर, झारखंड पुलिस के दारोगा चमरा मिंज व हजारीबाग होमगार्ड के पूर्व समादेष्टा विनय कुमार व 23 फर्जी गृह रक्षकों सहित अन्य को आरोपित बनाया है।

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आनंदसेन की पीठ में पूर्वी सिंहभूम में चौकीदार नियुक्ति को लेकर दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह में होगी।अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि कोर्ट के अंतिम आदेश से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी। इसको लेकर राजू महतो सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कुमार हर्ष ने कोर्ट को बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन की ओर से चौकीदार की नियुक्ति को लेकर विज्ञापन जारी किया गया था। परीक्षा के बाद यह बात सामने आई है कि 10 प्रश्नों के उत्तर एक से अधिक सही थे।उत्तर कुंजी में विरोधाभास है और उसका उदाहरण जिला प्रशासन की बेवसाइट से लिया गया है। जिन लोगों का चयन किया गया है, उनका अभी तक प्राप्तांक जारी नहीं किया गया है। यह विज्ञापन के नियमों का उल्लंघन है। पूरी परीक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसलिए नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।

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