रांचीः रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष होने के नाते स्वास्थ्य मंत्री ने निदेशक को शो कॉज किया है. इसको लेकर ऐसा माना जा रहा है कि मंत्री और निदेशक को लेकर विवाद आने वाले समय में और गहराने वाला है.
17 अप्रैल को जारी रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को पद से हटाने का आदेश वापस लेने के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने रिम्स निदेशक की याचिका 06 मई को निष्पादित कर दिया था. उच्च न्यायालय से याचिका निष्पादित होने के बाद फिर एक बार यह मामला गरमाने की उम्मीद बढ़ गयी है.
क्योंकि इस बार रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने वित्तीय अनियमितता सहित कुल 11 बिंदुओं पर रिम्स निदेशक से स्पष्टीकरण मांगा है. निदेशक से 10 दिनों के अंदर जवाब नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई शुरू करने की बात कही है.
किन बातों पर मंत्री ने मांगा है स्पष्टीकरण
रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष होने के नाते स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार से पूछा है कि उन्होंने रिम्स शासी परिषद की कई बैठकों में लिए गए फैसले पर अब तक कोई कार्य क्यों नहीं किया. इसी तरह जीबी की बैठक में नियमों का उल्लंघन करने, MRI मशीन नहीं खरीदे जाने, वित्तीय वर्ष 2024-25 के अनुदान राशि को खर्च नहीं करने, मुफ्त डायग्नोस्टिक सेवा बंद करने, स्वास्थ्य योजनाओ को सही तरीके से नहीं चलाने, गोपनीय दस्तावेजों के प्रकटीकरण करने सहित कई आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा है.
क्या है पूरा मामला
राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद 31 जनवरी 2024 को तीन वर्षों के लिए डॉ राजकुमार को रिम्स निदेशक पद पर नियुक्त किया गया था. 17 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की ओर से उन्हें पद से हटाने का पत्र जारी कर दिया गया था. इसके बाद निदेशक द्वारा झारखंड हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी. जिसपर 28 अप्रैल को कोर्ट ने मंत्री के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी थी.
दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री सह रिम्स शासी परिषद के अध्यक्ष डॉ. इरफान अंसारी ने रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को तत्काल प्रभाव से निदेशक पद से हटाने से जुड़ा पत्र जारी कर दिया था. उन्होंने प्रशासनिक अक्षमता का हवाला देते हुए उन्हें पद से हटाने का आदेश जारी किया था. उनकी दलील थी कि निदेशक के पद पर रहने के बावजूद उन्होंने कैबिनेट, शासी परिषद और विभाग के स्तर पर लोकहित में लिए गए निर्णय और निर्देशों का पालन नहीं किया था.