Tuesday, April 29, 2025

सीजीएल परीक्षा को लेकर बाबूलाल मरांडी ने एक डॉक्यूमेंट साझा किया है. इसके आधार पर उन्होंने सीबीआई से जांच कराने की अपील की है.

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रांची: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा 2024 से जुड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन नई-नई बातें सामने आ रही हैं. इस बार नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सीजीएल परीक्षा से जुड़े एक शख्स का एकरारनामा साझा कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपील की है कि वे हठधर्मिता छोड़कर सीआईडी की बजाय सीबीआई से मामले की जांच कराएं ताकि झारखंड के बेरोजगारों के साथ इंसाफ हो सके. उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा है कि नौकरी बिकी है और बिक रही है.

क्या है एकरारनामा में

इसमें लिखा हुआ है कि एक शख्स ने 17 सितंबर 2024 को एक परीक्षार्थी को उत्तीर्ण कराने के बदले स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया का चेक नंबर 292962 के जरिए 10 लाख रुपए लिए थे. साथ ही परीक्षार्थी का सारा एजुकेशनल डॉक्यूमेंट भी लिया था. रिजल्ट में नाम नहीं आने पर 4 मार्च 2025 तक ली गई राशि और डॉक्यूमेंट वापस देने का भरोसा दिया था.

एकरारनामा में इस बात का भी जिक्र है कि 4 मार्च तक राशि नहीं लौटाने पर 6 डिसमिल जमीन हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जिसकी कीमत 20 लाख रुपए है. नोटरी के समक्ष 4 फरवरी 2025 को यह इकरारनामा तैयार हुआ था. हालांकि बाबूलाल मरांडी ने जो डॉक्यूमेंट साझा किया है उसमें शख्स के नाम को एडिट कर दिया गया है.

सीजीएल परीक्षा को लेकर क्यों उपजा विवाद

आपको बता दें कि 21 और 22 सितंबर 2024 को जेएसएससी के स्तर से सीजीएल की परीक्षा ली गई थी, लेकिन परीक्षा संपन्न होने के बाद से ही धांधली और भ्रष्टाचार की बात उठने लगी थी. इसको लेकर लगातार छात्र संगठनों का आंदोलन चलता रहा. कई छात्रों ने जेएसएससी के समक्ष सबूत भी पेश किए. इसी क्रम में जेएसएससी घेराव के दौरान छात्रों पर लाठीचार्ज भी हुआ.

इस बीच 4 दिसंबर 2024 को जेएसएससी ने सीजीएल परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया था. इसको हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. अभ्यर्थियों का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थी जो अभी भी जारी है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही मामले की सीआईडी जांच शुरू हुई थी. फिलहाल पूरा मामला झारखंड हाई कोर्ट में विचाराधीन है. दूसरी तरफ कई छात्र संगठन बार-बार परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

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