उच्च जातियों के विकास आयोग ने सरकार से सवर्ण गरीबों को सरकारी नौकरियों में उम्र सीमा में छूट देने का आग्रह किया है। तीन उप-समितियां बनाई गई हैं एक जाति गणना रिपोर्ट का विश्लेषण करेगी दूसरी छात्रावास निर्माण पर विचार करेगी और तीसरी कोचिंग व्यवस्था की आवश्यकता का मूल्यांकन करेगी। आयोग का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को भी समान अवसर मिलने चाहिए।
पटना। उच्च जातियों के विकास के लिए गठित राज्य आयोग ने अपनी पहली बैठक में राज्य सरकार से मांग की है कि वह सरकारी नौकरियों में सवर्ण गरीब उम्मीदवारों को भी उम्र सीमा में छूट दे। आयोग के सदस्य डॉ. महाचंद्र प्रसाद सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की।
उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। सदस्य राजकुमार सिंह के संयोजकत्व में तीन सदस्यीय उप समिति का गठन किया गया है।
यह समिति जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के आधार देखेगी कि सवर्ण गरीबों को अन्य पिछड़े वर्गों की तरह सरकारी नौकरियों की उम्र सीमा में छूट के लिए क्या किया जा सकता है।
सदस्य जय कृष्ण झा के संयोजकत्व में भी एक उप समिति का गठन किया गया है। इसे आर्थिक आधार पर पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए जिला स्तर पर छात्रावास के निर्माण के बारे में प्रतिवेदन देना है।
दयानंद राय के संयोजकत्व वाली उप समिति इस संभावना पर विचार करेगी कि इस वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए सरकारी स्तर पर कोचिंग की व्यवस्था क्यों जरूरी है।
आयोग ने माना है कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण भी अवसर के मामले में पिछड़े हुए हैं। उन्हें आर्थिक आधार पर सरकारी सेवाओं में दी गई आरक्षण की सुविधा की तरह अन्य सुविधाएं भी मिलनी चाहिए।