नई दिल्ली : किसे पता था कि यह उसका आखिरी दिन होगा. कोई अपने पिता से हमेशा-हमेशा के लिए बिछुड़ गया, तो किसी सुहागिन की मांग सदा के लिए उजड़ गई. आतंकियों ने किसी को नहीं छोड़ा. धर्म पूछ-पूछकर हत्या कर दी. छोटे-छोटे बच्चे हो रहे थे, महिलाएं बिलख रहीं थीं, लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे, पर आतंकियों की निर्दयता जारी रही. वे तब तक गोली चलाते रहे, जब तक कि उसकी सांस न बंद हो जाए. मौत की यह दर्दनाक कहानी सुनकर रोंगेटे खड़े हो जाएंगे.
शांत स्वभाव के थे चंद्रमौली, शव लेने के लिए अमेरिका से आ रहीं बेटियां
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम निवासी चंद्रमौली और केरल के कोच्चि के एडापल्ली निवासी एन रामचंद्रन की आतंकियों ने गाली मारकर हत्या कर दी. ये दोनों लोग अपने-अपने परिवारों के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर आए हुए थे.
चंद्रमौली रिटायर्ड बैंक अधिकारी थे. उनकी दो बेटियां अमेरिका में रहती हैं. विशाखापत्तनम वाले घर से निकलते समय उन्होंने नौकरानी को कहा था कि वह शुक्रवार तक लौट आएंगे. पर होनी को कुछ और मंजूर था. उनके मौत की खबर सुनकर पूरे अपार्टमेंट में सन्नाटा पसर गया. पड़ोसियों ने उन्हें याद करते हुए कहा वह बहुत ही शांत स्वभाव के थे और सबसे मिलते-जुलते रहते थे. उनक शव लेने के लिए बेटियां अमेरिका से लौट रही हैं.
एन रामचंद्रन भी पत्नी और बेटी के साथ कश्मीर घूमने आए हुए थे. उनके साथ बेटी आरती के जुड़वां बच्चे भी थे. रामंचंद्रन का बेटा बेंगलुरु में काम करता है. रामचंद्रन कतर में काम कर चुके हैं, जबकि बेटी दुबई में रहती है. रामचंद्रन की मौत के बाद पूरा परिवार सदमे में है.
अमेरिका से लौटे बितान अधिकारी, बेटी के सामने ही मार दी गोली
आतंकी हमले में कोलकाता के दो व्यक्तियों की भी हत्या कर दी गई. एक का नाम बितान अधिकारी है और दूसरे का नाम समीर गुहा. 40 वर्षीय बितान अपनी पत्नी सोहिनी और तीन साल के बेटे ह्रदान के साथ कश्मीर गए हुए थे. वे आठ दिनों के लिए वहां गए थे. 16 अप्रैल से 24 अप्रैल तक उनकी बुकिंग थी. पूरा परिवार छुट्टियों में मशगूल था, तभी यह घटना घटी. पत्नी और बेटी के सामने ही दरिंदों ने बितान के सिर में गोली मार दी. बितान टीसीएस में कार्यरत थे और हाल ही में वह अमेरिका से लौटे थे.
कुछ ऐसी ही कहानी समीर गुहा की है. गुहा केंद्र सरकार में कार्यरत थे. वह सांख्यिकी विभाग में काम करते थे. वह प.बंगाल के बेहाला के रहने वाले थे. वह भी अपनी पत्नी और बेटी के साथ पर्यटन का आनंद उठाने गए थे. 52 वर्षीय गुहा भी आतंकियों के निशाने पर आ गए. आतंकियों ने उनके सिर में मारी थी गोली.
खुफिया विभाग के अधिकारी छुट्टी मनाने पहुंचे थे कश्मीर
आईबी अधिकारी मनीष रंजन को उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही आतंकियों ने गोली मार दी. मनीष छुट्टियां बिताने के लिए कश्मीर आए थे. वह हैदराबाद स्थित आईबी दफ्तर में पदस्थापित थे. वह एलटीसी पर छुट्टी बिताने आए हुए थे.
सीमेंट का व्यापार करते थे शुभम, घुड़सवारी के लिए होटल से निकले थे बाहर
कानपुर के शुभम द्विवेदी एक सीमेंट व्यापारी थे. अभी दो महीने पहले ही 12 फरवरी को उऩकी शादी हुई थी. जैसे ही उनके घर पर उनके मौत की खबर पहुंची, पूरा घर सन्न रह गया. किसी को यकीन नहीं हो रहा था आखिर ये क्या हुआ. 16 अप्रैल को वह कश्मीर पहुंचे थे. उनके परिवार के कुल 10 सदस्य घूमने आए हुए थे. उन्होंने 23 तारीख तक बुकिंग करा रखी थी. शुभम के साथ माता-पिता और बहन भी थी. बहन का भी पूरा परिवार साथ था.
शुभम के चाचा मनोद द्विवेदी ने मीडिया को बताया कि दोपहर को उनका भतीजा घुड़सवारी करने के लिए निकला था. तभी आतंकियों ने हमला कर दिया. उनके परिवार ने बताया कि गोली मारने से पहले आतंकियों ने शुभम का धर्म पूछा और कलमा पढ़ने को कहा. मगर वह कलमा नहीं पढ़ पाए और आतंकियों ने वहीं पर उन्हें गोली मार दी. उनकी पत्नी सामने ही थी. वह मदद के लिए चीखती रही, लेकिन आतंकियों का पाषाण ह्रदय नहीं पिछला.
शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने मीडिया को बताया कि गोली मारने के बाद आतंकी उसकी पत्नी के पास आए, और कहा, अपनी सरकार से कह देना कि उसके पति के साथ क्या हुआ है. उनका परिवार बुधवार को लौटने वाला था.
दुबई में सीए थे नीरज उधवानी
जयपुर के नीरज उधवानी पेशे से सीए थे. वह दुबई में रहते थे. वह एक शादी मे शरीक होने के लिए दुबई से चंडीगढ़ आए हुए थे. अचानक ही उन्होंने कश्मीर जाने की प्लानिंग कर ली. उनके चाचा प्रकाश उधवानी ने उसे याद करते हुए कहा, काश वह नहीं आया होता.
उधवानी दुबई में रहते थे. उनके माता-पिता भी वहीं रहते थे. पिता के निधन के बाद नीरज दुबई में ही काम कर रहा था. दो साल पहले उसकी शादी हुई थी. उनका छोटा भाई जयपुर में रहता है. मां भी यही रहती है. इसी सप्ताह छुट्टी बिताकर वह दुबई लौटने वाला था.
मंगलवार सुबह को उसकी पत्नी आयुषी होटल में ही थी और नीरज होटल से अकेले ही बाहर घूमने के लिए निकला था. थोड़ी देर बाद आयुषी को गोली चलने की आवाज सुनाई दी. लोग बाहर चीख रहे थे. वह दौड़कर बाहर आई और अपने पति को ढूंढने लगी. लेकिन अफसोस तब तक आतंकियों ने नीरज की जान ले ली थी.
सिपेट में अकाउंटेंट थे प्रशांत, बेटे और पत्नी के सामने सिर में आतंकियों ने मारी गोली
पहलगाम की घटना में ओडिशा के बालेश्वर सदर ब्ल़ॉक के सारगांव गांव के एक युवक की हत्या कर दी गई. उसका नाम प्रशांत शतपथी है. वह अपनी पत्नी प्रियदर्शिनी आचार्य और बेटे तनुज के साथ घूमने आया हुआ था. वह सिपेट में अकाउंटेंट थे. उनकी पत्नी और बेटे के लिए सामने ही आतंकियों ने गोली मारी. गोली उनके पति के सिर में लगी थी. वह मदद की गुहार लगा रही थी. उनके परिवार वालों ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे बाद जवान पहुंचे, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.
दोस्त ने कहा था, इस मंदिर में जरूर करना दर्शन, पर …
आतंकियों के हमले में महाराष्ट्र के छह पर्यटकों की हत्या कर दी गई. इनमें से एक का नाम था हेमंत जोशी. उनके साथी पृथ्वीराज जोंधाले ने मंगलवार सुबह 10 बजे हेमंत के साथ मैसेज साझा किया था. जोंधाले ने हेमंत को सुझाव दिया था कि वह क्षीर भवानी माता मंदिर का दर्शन करने जरूर जाए. लेकिन शाम तक पता चला कि उसका दोस्त इस दुनिया में नहीं है. आतंकियों ने हेमंत जोशी की हत्या कर दी थी. जोंधाले ने बताया कि हेमंत अपनी सोसाइटी का सेक्रेट्री था.
यह जानकर आप और अधिक दुखी हो जाएंगे, कि इस गोलीबारी में उसके ममेरे भाई अतुल मोने और संजय लेले भी मारे गए. जोशी अंधेरी के भागशाला मैदान एरिया में रहते थे. वह एक कार्गो कंपनी में काम करते थे. कश्मीर जाने से पहले उन्होंने अपने पिता को डे-केयर होम में रखा था. उनके साथ उनकी पत्नी मोनिका भी थी. उनका 16 साल का बेटा ध्रुव भी साथ था. इसी साल उसने मैट्रिक की परीक्षा दी थी. उसे भी गोली लगी है. उसका इलाज चल रहा है. मोने रेलवे कर्मचारी थे. वह डोंबीवाली में रहते थे. उनके साथ उनकी पत्नी और बेटी भी गई थी. लेले भी अपने परिवार के साथ गया था.
इजराइल जाने की योजना बना रखी थी सुशील नथानियल
इंदौर के सुशील नथानियल अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने के लिए कश्मीर पहुंचे थे. आतंकियों की गोलीबारी में नथानियल की मृत्यु हो गई, जबकि उनकी बेटी के पैर में गोली लगी. गोली मारने से पहले नथानियल से उसका धर्म पूछा गया था. उसे कलमा पढ़ने के लिए भी कहा गया. नथानियल ने कहा कि वह ईसाई धर्म का पालन करते हैं. इसके बाद उन्हें गोली मार दी गई. नथानियल ने इजराइल जाने की भी योजना बना रखी थी. लेकिन पत्नी की व्यस्तता की वजह से वह नहीं जा सके. नथानियल की दादी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अपनी सेवा दी थी.
बोली बेटी, पिता की हत्या हो गई, लेकिन मां को अभी तक नहीं बताया
केरल के 68 वर्षीय रामाचंद्रन छुट्टी मनाने के लिए कश्मीर गए थे. उऩके साथ उनकी बेटी आरती भी थी. आरती ने बताया कि अभी तक उनके पिता की मौत की खबर मां को नहीं बताया गया है, क्योंकि वह दिल की मरीज हैं. आरती के साथ उनके दो बच्चे भी साथ थे. रामाचंद्रन एऩआरआई रह चुके हैं. वह लंबे समय तक मध्य पूर्व में थे. पांच साल पहले वह कोच्चि में सेटल हो गए. आरती और उनके बच्चे विदेश में रहते हैं. वे भी छुट्टियां मनाने के लिए केरल आए थे.
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का काम छोड़कर शुरू किया था बिजनेस
कर्नाटक के भारत भूषण की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इनके साथ भी वही हुआ. उनसे उनका धर्म पूछा और बाद में उन्हें गोली मार दी. वे अपनी पत्नी और बेटे के साथ घूमने गए हुए थे. वह 41 साल के थे. भारत सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. हाल ही में उन्होंने यह काम छोड़ दिया था और उसके बाद बेंगुलरु में डायग्नोस्टिक सेंटर खोला था. वह 23 अप्रैल को घर लौटने वाले थे. उनकी सास ने बताया कि आतंकियों ने उनसे उनका आधार मांगा और जैसे ही उन्होंने अपना आधार दिखाया, उनके सिर में गोली मार दी गई. भारत के पिता रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन थे. मौत की खबर सुनकर उनकी मां की हालत नाजुक बताई जा रही है.
स्विटजरलैंड जाने की थी योजना, पर नहीं मिला वीजा, पांच दिन पहले ही हुई थी शादी
हरियाणा के विनय नरवाल की 16 अप्रैल को ही शादी हुई थी. वह हनीमून के लिए कश्मीर गए हुए थे. उनकी पत्नी ने बताया कि वह अपने पति के साथ भेलपुरी खाने के लिए गई थी, तभी एक व्यक्ति आया और उनसे उनका धर्म पूछा, और उसके बाद उनके सिर में गोली मार दी. वह 40 दिनों की छुट्टी पर थे. एक मई को उनका जन्मदिन था. उऩके परिजनों ने बताया कि वह स्टिवजरलैंड जाने वाले थे. लेकिन वीजा नहीं मिलने की वजह से वह कश्मीर चले गए. उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद नेवी ज्वाइन किया था. उनके दादा बीएसएफ में थे. पिता कस्टम डिपार्टमेंट में हैं.
बाप-बेटे की एक साथ कर दी हत्या, मुरारी बापू की कथा सुनने आए थे दोनों
पहलगाम आतंकी हमले में गुजरात के तीन पर्यटकों की हत्या कर दी गई. इनमें एक बाप-बेटे भी शामिल थे. यतीशभाई सुधीरभाई परमार अपने सात सदस्यीय परिवार के साथ कश्मीर पहुंचे थे. यतीश और उनके बेटे स्मित की गोली मारकर हत्या कर दी गई. वे भावनगर के रहने वाले थे. बेटा ग्यारहवीं का छात्र था. यतीशभाई का अपना सैलून और रेस्तरां है. वे श्रीनगर में मुरारी बापू की राम कथा सुनने गए थे. शैलेशभाई हिम्मतभाई कलथिया सुरत से हैं. वह मुंबई में एसबीआई में कार्यरत थे. वे भी अपने बीवी और बच्चों के साथ गए हुए थे. छत्तीसगढ़ के व्यापारी दिनेश मिरानिया की भी हत्या कर दी गई. वह रायपुर के समता कालोनी के रहने वाले थे.