तलवार को 21 हजार करोड़ रुपये के मुंद्रा बंदरगाह ड्रग बरामदगी मामले में गिरफ्तार किया गया था.
नई दिल्ली: मुंद्रा ड्रग बरामदगी मामले में एक आरोपी के वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल के बच्चों को स्कूल में परेशान किया जा रहा है. वकील ने परेशान करने की वजह बताते हुए कहा कि एनआईए ने उनके मुवक्किल पर आरोप लगाया है कि, मामले में अपराध की आय का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा द्वारा आतंकवादी हमलों में किया गया था.
आरोपी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट सी ए सुंदरम ने जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष दलील दी कि एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनआईए के वकील ने पहलगाम सहित भारत पर हुए आतंकी हमलों का जिक्र किया था, जहां कथित तौर पर धन का इस्तेमाल किया गया था. सुंदरम ने कहा कि, यह दलील आज के अखबारों और मीडिया में छाई रही. बिना किसी आधार के एनआईए ने एनडीपीएस मामले में यह बयान दिया.
एनआईए ने बुधवार को तलवार की जमानत याचिका का विरोध किया. तलवार को 21,000 करोड़ रुपये के मुंद्रा बंदरगाह ड्रग बरामदगी मामले में गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने कहा कि बिक्री से प्राप्त राशि का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए किया गया था. बेंच ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया.
गुरुवार को सुंदरम ने जस्टिस दीपांकर दत्ता और एन कोटिश्वर सिंह के समक्ष मामले में दलील पेश की. उन्होंने कहा कि, उनके मुवक्किल के बच्चों को स्कूल में धमकाया जाता था. उन्होंने पीठ के समक्ष तर्क दिया कि उन्हें अब आतंकवादियों के बच्चे कहा जाता है. सुंदरम ने कहा कि उनके मुवक्किल के बच्चों को धमकी भरे कॉल आ रहे हैं क्योंकि ड्रग बरामदगी पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी हुई है.
सुंदरम ने पीठ से स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया,क्योंकि पहलगाम हमले का इस एनडीपीएस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. सुंदरम ने दोहराया कि विधि अधिकारी, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी द्वारा बिना किसी सबूत के दावा किया गया था. हालांकि,पीठ ने यह स्पष्ट किया कि भाटी ने केवल इसी आधार पर जमानत का विरोध किया। भाटी ने कहा कि अदालत में दिए गए तर्कों के कारण बच्चों को परेशानी नहीं होनी चाहिए