हिसार: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा इन दिन हर जुबान पर है. चर्चा केवल 144 वर्षों बाद बने संयोग के बाद महाकुंभ में स्नान की ही नहीं है, बल्कि इस चर्चा का एक बिंदु यहां स्थापित विशालकाय महामृत्युंजय यंत्र भी है. प्रयागराज के सेक्टर 22 स्थित संगम विहार में 52 फीट लंबे-चौड़े और 52 फीट ही ऊंचे महामृत्युंजय यंत्र की अलौकिक, दिव्य और अद्भुत छटा लाखों श्रद्धालुओं में कौतूहल उत्पन्न कर रही है. यही कारण है कि इस यंत्र का दर्शन करने प्रतिदिन असंख्य लोगों के पांव अकस्मात खिंचे चले आ रहे हैं.
इसलिए ही प्रयागराज को चुना : प्रयागराज में ही यंत्र की स्थापना करने के बारे में उनका कहना है कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सृष्टि की शुरुआत में प्रयागराज में ही आदि देवता ब्रह्मा जी ने सबसे पहला यज्ञ किया था. स्वामी सहजानंद के अनुसार प्रयागराज की उस धरा पर महामृत्युंजय यंत्र की स्थापना करने के संतोष की तुलना किसी भी अन्य भौतिक सुख से नहीं की जा सकती.