एसएसबी और अन्य सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है. विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है. इसके तहत सीमा पर चौकसी और सख्त की गई है, ताकि इस तरह के घुसपैठियों को रोका जा सके और देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
Bihar News: पटना. बिहार के किशनगंज में सुरक्षा बलों ने भारत-नेपाल सीमा पर पश्चिम बंगाल के पानी टंकी क्षेत्र से म्यांमार के 6 संदिग्ध नागरिकों को गिरफ्तार किया है. यह सभी नागरिक बिना पासपोर्ट और वीजा के 2022-23 में मिजोरम के रास्ते भारत में प्रवेश कर गए थे. गिरफ्तार किए गए युवकों के पास से फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, और एक युवक के पास पैन कार्ड भी बरामद हुआ है, जो दिल्ली में बनाए गए थे. इस मामले में अब तक की कार्रवाई ने सुरक्षा एजेंसियों को यह संकेत दिया है कि भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने का यह केवल एक उदाहरण हो सकता है, और इससे सुरक्षा चूक की गंभीरता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
फर्जी दस्तावेजों के साथ धराये
इन युवकों के बारे में जानकारी सामने आई है कि वे नागालैंड के विटर थियोलॉजिकल कॉलेज, वांकहोसिंग, वोखा में धर्मशास्त्र की पढ़ाई कर रहे थे और 2023 से वहीं रह रहे थे. छुट्टियों के दौरान ये भारतीय और नेपाली छात्रों के साथ सिलीगुड़ी गए थे, जहां तीन अलग-अलग समूहों में बंटकर वे नेपाल के बिरतामोड़ स्थित हैप्पी लैंड एडवेंचर पार्क जाने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने इन्हें पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया. फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे अन्य लोग भी हो सकते हैं.
चल रही सघन जांच
बंगाल पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस को संदेह है कि इन 6 संदिग्ध नागरिकों की तरह कई और लोग भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रहे हैं. जांच जारी है, और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले में विस्तार से जांच कर रही हैं. अब तक की जांच में एसएसबी और पुलिस ने यह भी पाया है कि संदिग्धों द्वारा इस्तेमाल किए गए फर्जी दस्तावेज काफी पेशेवर तरीके से तैयार किए गए थे। जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस तरह के फर्जी दस्तावेज तैयार करने के पीछे कौन लोग और संगठन जिम्मेदार हैं.