Sunday, May 25, 2025

बिहार में जमीन दाखिल-खारिज के घूसखोर हो रहे गिरफ्तार, जाल बिछाकर पकड़ रही निगरानी की टीम

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बिहार में जमीन दाखिल-खारिज मामले के एवज में घूसखोरी करने वाले राजस्व कर्मियों को अब निगरानी की टीम जाल बिछाकर पकड़ रही है. ऐसे कई मामले बीते दिनों सामने आए. शुक्रवार को भी दो राजस्व कर्मियों को पकड़ा गया.

में जमीन के दाखिल-खारिज मामलों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने शनिवार को दो अलग-अलग जिलों में बड़ी कार्रवाई की है. दोनों मामलों में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को प्रभावित करने के एवज में रिश्वत मांगी गयी थी, जिसे निगरानी टीमों ने रंगे हाथ पकड़कर बेनकाब कर दिया.

मधुबनी और सासाराम में निगरानी की कार्रवाई

निगरानी की अलग-अलग टीम ने मधुबनी में एक सीआइ को तीन लाख रुपये, तो सासाराम में कंम्प्यूटर आपरेटर को करीब सवा लाख की रिश्वत के साथ पकड़ा गया. निगरानी ब्यूरो के महानिदेशक जितेन्द्र सिंह गंगवार ने अभियानों की सफलता पर धावादल को सम्मानित करने की घोषणा की है. उनका कहना है कि दाखिल-खारिज से जुड़ी भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए आगे भी यह अभियान जारी रहेगा.

अंचल कार्यालयों में चल रहा रिश्वत का खेल

अंचल कार्यालयों में दाखिल खारिज, परिमार्जन सहित अन्य राजस्व संबंधी कामकाज को लेकर लगातार रिश्वत मांगने की जानकारी मिलती रहती है. इस संबंध में निगरानी की टीम ने रिश्वत मांगे जाने की सूचना मिलने पर मौके पर दबिश देकर इस साल अब तक चार राजस्व कर्मचारियों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.

मधुबनी में धराया घूसखोर अंचल निरीक्षक

पहली कार्रवाई मधुबनी जिले के जयनगर प्रखंड में की गयी, जहां अंचल निरीक्षक (सीआइ) अजय कुमार मंडल को तीन लाख की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया. शिकायतकर्ता इन्द्रजीत कुमार ने निगरानी ब्यूरो को बताया था कि अंचल निरीक्षक दाखिल-खारिज कराने के लिए तीन लाख रुपये की मांग कर रहा है. शिकायत की जांच में पुष्टि हुई और निगरानी थाना में कांड संख्या 32/25 दर्ज किया गया.

आरोपी के किराये के मकान पर ताबड़तोड़ रेड

मामला सही पाए जाने के बाद पुलिस उपाधीक्षक सुजीत कुमार सागर के नेतृत्व में गठित विशेष धावादल ने नेपाल सीमा से सटे चित्रगुप्त कॉलोनी स्थित आरोपी के किराये के मकान पर शनिवार सुबह छापेमारी की और आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया. निगरानी ब्यूरो के अनुसार, आरोपी बार-बार रिश्वत लेने का स्थान और समय बदलकर टीम को चकमा देने की कोशिश कर रहा था.

सासाराम अंचल कार्यालय का डाटा इंट्री ऑपरेटर गिरफ्तार

दूसरी कार्रवाई के तहत सासाराम अंचल कार्यालय के डाटा इंट्री ऑपरेटर आकाश कुमार दास को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने 1.10 लाख रुपये घूस लेते शनिवार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. वह शहर के न्यू डिलिया निवासी विनोद दास का पुत्र है.

जमीन के म्यूटेशन मामले में घूस की हुई थी डिमांड

निगरानी के डीएसपी अमरेंद्र प्रसाद विद्यार्थी ने बताया कि सासाराम के प्रतापगंज मुहल्ला निवासी पंकज कुमार ने भूमि विवाद को लेकर डीसीएलआर कोर्ट में एक अपील की थी. इसमें विवादित भूमि का म्यूटेशन (दाखिल खारिज) रद्द करने का आदेश पारित हुआ था. इसी आदेश के आलोक में उन्होंने सासाराम अंचल कार्यालय में दो बार आवेदन किया. लेकिन, सासाराम सीओ द्वारा बार-बार डाटा इंट्री ऑपरेटर से मिलने की बात कही जा रही थी. डाटा इंट्री ऑपरेटर आकाश ने दाखिल खारिज रद्द करने के लिए 1.10 लाख रुपये की मांग की. इसके बाद पंकज कुमार ने निगरानी में शिकायत दर्ज करायी.

निगरानी ने जाल बिछाकर दबोचा

मामले के सत्यापन के बाद डाटा इंट्री ऑपरेटर दोषी पाया गया. इस बीच, ऑपरेटर ने शिकायतकर्ता से पैसे लेने के लिए सासाराम अंचल कार्यालय परिसर स्थित डाटा सेंटर बुलाया. जहां शिकायतकर्ता से 1.10 लाख रुपये लेते हुए रंगे हाथों डाटा इंट्री ऑपरेटर को गिरफ्तार कर लिया गया. डीएसपी ने बताया कि इसमें अन्य अधिकारियों एवं कर्मियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है.

ये भी हुए गिरफ्तार…

  • 24 जनवरी 2025: सीतामढ़ी जिले के पुपरी अंचल कार्यालय से राजस्व कर्मचारी भोगेंद्र झा को 51 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. बताया जाता है कि उनकी सेवानिवृत्ति के केवल चार-पांच दिन शेष रह गये थे.
    20 फरवरी 2025: जमुई जिले के खैरा अंचल के राजस्व कर्मचारी आशीष कुमार को निगरानी की टीम ने 60 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था.
  • 28 अप्रैल 2025: नवादा जिले के सिरदला अंचल के राजस्व कर्मचारी रविशंकर शर्मा को निगरानी की टीम ने 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था.

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