Thursday, April 24, 2025

बिहार के अफसर करेंगे पहलगाम आतंकी हमले की जांच, बेतिया में चला चुके हैं नक्सल के खिलाफ अभियान

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बेतिया में राजेश कुमार 2012 से 2016 तक एएसपी अभियान के पद पर रहे. पश्चिम चंपारण के नक्सलवाद से ग्रसित जिला होने के चलते सीआरपीएफ से ही उन्हें यहां एएसपी अभियान के पद पर प्रतिनियुक्ति मिली थी. 4 सालों के कार्यकाल में राजेश कुमार ने जिले को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई.

जम्मू कश्मीर के पहलगाम स्थित टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. कश्मीर घूमने गये 27 निहत्थे नागरिकों की हत्या के बाद लोगों में भारी उबाल है. सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है. इसको लेकर सरकार भी अब कड़े एक्शन के मूड में है. हमले का जवाब देने के लिए सैन्य स्तर पर भी तैयारी चल रही है. सूत्रों की माने तो इसमें बेतिया के एएसपी रहे राजेश कुमार को बड़ा जिम्मा मिला है. उनके नेतृत्व में सीआरपीएफ की आर्म्स फोर्स इस आतंकी घटना की जवाबी कार्रवाई की तैयारी में जुटी है.

बेतिया में करीब 4 साल तक एएसपी अभियान के पद पर रहे राजेश कुमार फिलहाल जम्मू कश्मीर के पहलगाम में ही सीआरपीएफ के कमांडेंट हैं. बिहार के आरा के रहने वाले राजेश कुमार तेज तर्रार अफसरों में शुमार हैं. बेतिया में एएसपी रहते हुए उन्होंने जिले में क्राइम कंट्रोल, लॉ एंड आर्डर मेंटेन करने और नशा के खिलाफ जागरूकता अभियानों को लेकर तमाम सुर्खियां बटोरी थीं. बेतिया पुलिस-मित्र पुलिस के नाम से अभियान चलाकर उन्होंने पुलिस-पब्लिक रिलेशनशिप को लेकर भी बेहतर पहल की थी. तमाम कार्यक्रम भी आयोजित कराये थे.

अब पहलगाम में आतंकी हमले के बाद शुरू होने वाली जवाबी कार्रवाई में राजेश कुमार की बड़ी भूमिका होने वाली है.  सूत्रों की माने तो इस घटना के बाद कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. इसमें राजेश कुमार की अगुवाई में सीआरपीएफ ने घाटी में सर्च अभियान शुरू कर दिया है. खासकर पहलगाम में मौजूद आतंकी स्लीपर सेल की पहचान की जा रही है. सैकड़ों लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है.

पश्चिम चंपारण को दिलाई थी नक्सलवाद से मुक्ति

राजेश कुमार, कमाडेंट सीआरपीएफ पहलगाम

बेतिया में राजेश कुमार 2012 से 2016 तक एएसपी अभियान के पद पर रहे. पश्चिम चंपारण के नक्सलवाद से ग्रसित जिला होने के चलते सीआरपीएफ से ही उन्हें यहां एएसपी अभियान के पद पर प्रतिनियुक्ति मिली थी. 4 सालों के कार्यकाल में राजेश कुमार ने जिले को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई. वीटीआर के जंगलों में तमाम सर्च अभियान चलाकर और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से तथाकथित नक्सलियों को जीवन की मुख्य धारा से जोड़ा. उन्हें रोजगार और सम्मानजनक जीवन दिलाने की पहल की गई.

2021 में मिला था पुलिस गैलेंट्री अवार्ड


आरा के रहने वाले राजेश कुमार को पुलिस गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. असाधारण साहस और वीरता के लिए मिलने वाला यह पुरस्कार श्री कुमार को 2021 में राष्ट्रपति के हाथों से मिला. धारा 370 के प्रावधानों को धरातल पर लागू करने, कश्मीर घाटी में शांति स्थापित करने, टारगेटेड किलिंग रोकने, आतंकियों के शूटआउट समेत अन्य कार्रवाइयों में राजेश की बड़ी भूमिका रही है.

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