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Friday, March 7, 2025

बजट 2025: क्या टैक्स देनदारी शून्य होने पर भी आपको फाइल करना होगा ITR ? जानें – BUDGET 2025

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12 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्सपेयर्स को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसको लेकर लोगों में काफी उत्साह है.

नई दिल्ली: मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. सैलरीड टैक्सपेयर्स के लिए यह सीमा 12 लाख रुपये होगी, जिसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये शामिल होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि न्यू टैक्स रिजीम सरल होगी. इसमें मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान संसद को बताया, “सामान्य आय (पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय को छोड़कर) वाले 12 लाख रुपये तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स को स्लैब दर में कमी के कारण होने वाले लाभ के अलावा छूट प्रदान की जा रही है, ताकि उन्हें कोई टैक्स न देना पड़े.”

क्या ITR दाखिल करना अनिवार्य है?
सीतारमण की घोषणाओं को लेकर सोशल मीडिया पर उत्साह है, लेकिन इंटरनेट पर हर कोई एक सवाल पूछ रहा है क्या हमें अब भी आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आवश्यकता है, जबकि हमारी टैक्सेबल आय शून्य है? ऐसे में अगर आपके मन भी यह सवाल है तो इसका जवाब है हां. आपको आयकर रिटर्न दाखिल करना होगा.

85 फीसदी टैक्सपेयर्स को राहत
बता दें कि वेतनभोगी करदाताओं को बड़ी सौगात देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा. इस ऐलान के बाद 7.5 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों में से लगभग 85 फीसदी टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी, क्योंकि सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय वालों को कर में छूट दी है.

12 लाख रुपये तक की आय पर जीरो टैक्स
इस बढ़ोतरी के कारण 12 लाख रुपये तक की टैक्स आय वाले निवासी व्यक्तियों को शून्य टैक्स देना होगा. बता दें कि वित्त मंत्री ने धारा 87ए के तहत टैक्स छूट की घोषणा की है.उन्होंने ने कहा कि टैक्स में छूट मिलने से मध्यम वर्ग के लोगों की ज्यादा सेविंग होगी.साथ ही निवेश भी बढ़ेगा.

इस बीच वित्त मंत्री ने अलग-अलग कर स्लैब में भी बदलाव का प्रस्ताव भी पेश किया. इसके तहत अब चार लाख रुपये सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. चार से आठ लाख रुपये पर पांच पर्सेंट, आठ से 12 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 12 लाख से 16 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत, 16 से 20 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत, 20 लाख रुपये से 24 लाख रुपये पर 25 प्रतिशत और 24 लाख रुपएयेसे ऊपर की सालाना आय पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा.

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