पाकिस्तान के सामने कई गंभीर चुनौतियां है. पड़ोसी देश के ऊपर IMF का कुल 7 बिलियन डॉलर का कर्ज है.
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार तनाव बढ़ रहा है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच देश के कई राज्यों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. अतिरिक्त सुरक्षा बलों के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पुलिस कानून-व्यवस्था पर सक्रियता से नजर रख रही है.
पहलगाम हमले के बाद से ही भारत आतंकी को सबक सिखाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बीत कंगाल पाकिस्तान ने भी भारत से युद्ध करने की तैयारी कर रही है. इस बीच पाकिस्तान को कर्ज देने वालों पर बात हो रही है. जिसमें सबसे ज्यादा नाम चीन का लिया जा रहा है. आज हम इस खबर के माध्यम से जानेंगे कि पाकिस्तान पर किसता और कितना कर्ज है?
पाकिस्तान ने IMF से कितना कर्ज लिया?
2023 में पाकिस्तान को IMF से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट मिला, इसके बाद मार्च 2024 में जलवायु लचीलेपन का समर्थन करने के लिए 1.3 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि मिली. लगभग 350 बिलियन डॉलर की मामूली अर्थव्यवस्था वाले देश के लिए ये महत्वपूर्ण रकम है.
वहीं, इस बीच भारत आज होने वाली अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की बोर्ड बैठक में पाकिस्तान के लोन के बारे में अपनी चिंताओं को प्रस्तुत करेगा. आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक औपचारिक रूप से भारत की स्थिति पेश करेंगे, जिसमें पाकिस्तान को दिए गए लोन की समीक्षा शामिल है.
आज आईएमएफ बोर्ड की बैठक में पाकिस्तान 1.3 बिलियन डॉलर (110,552,678,340 रुपये) की मांग करने वाला है.
पाकिस्तान ने एशियन डेवलपमेंट बैंक से कितना कर्ज लिया?
31 दिसंबर, 2024 तक (एशियन डेवलपमेंट बैंक) एडीबी ने 764 लोन, अनुदानों और तकनीकी सहायता पहलों के माध्यम से पाकिस्तान को 43.4 बिलियन डॉलर देने का वादा किया था. इसके वर्तमान सॉवरेन पोर्टफोलियो में 53 लोन और तीन अनुदान शामिल हैं, जिनकी कुल राशि 9.13 बिलियन डॉलर है, जिसमें खैबर पख्तूनख्वा में ग्रामीण सड़क विकास के लिए 320 मिलियन डॉलर का लोन भी शामिल है.
पाकिस्तान ने विश्व बैंक से कितना कर्ज लिया?
विश्व बैंक ने इस साल जनवरी में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, निजी क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने जैसे विकास मुद्दों के लिए पाकिस्तान के साथ 20 बिलियन डॉलर के लोन पर समझौता किया है. विश्व बैंक ने 365 परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान को 49,663 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है.
इनमें खैबर पख्तूनख्वा ग्रामीण सुगम्यता परियोजना, दासू जलविद्युत परियोजना, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम आदि शामिल हैं. पाकिस्तान 7 बिलियन डॉलर के आईएमएफ बेलआउट कार्यक्रम के तहत भी है, जिसके लिए पाकिस्तान सरकार को सरकारी राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता है.