धनबाद: भारत सरकार के श्रम,नियोजन तथा युवा कार्य और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया शुक्रवार को धनबाद पहुंचे. डीजीएमएस(खान सुरक्षा महानिदेशालय) के कार्यालय पहुंचकर केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की. डीजीएमएस की रेसक्यू टीम ने माइंस दुर्घटना के बाद होने वाले बचाव कार्य पर एक मॉकड्रिल की. जिसमें दुर्घटना का एक दृश्य प्रस्तुत किया गया और रेस्क्यू टीम ने ने फौरन राहत कार्य शुरू किया. जिसकी केंद्रीय मंत्री ने काफी सराहना की.
केंद्रीय मंत्री ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि माइंस में काम करने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य की भी चिंता केंद्र सरकार कर रही है और उनके स्वास्थ्य की देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए ईएसआईसी हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं. साथ ही श्रमिकों को आयुष्मान योजना से भी जोड़ा गया है, ताकि जिन श्रमिकों को ESIC के अस्पतालों में इलाज संभव नहीं होने की स्थिति में उन्हें आयुष्मान से इसका फायदा मिल सके. उन्होंने कहा कि आज देश में माइनिंग सेक्टर बढ़ रहा है. नई-नई टेक्नोलॉजी आ रही है. टेक्नोलॉजी का उपयोग करके श्रमिकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है और उनका स्वास्थ्य भी सुनिश्चित करना है. इन दोनों दिशाओं में काम चल रहा है.
असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए आउट सोर्सिंग कंपनियों में HPC यानी हाई पावर कमेटी नहीं बनने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डीजीएमएस की यह जिम्मेवारी है कि राज्य और देश में माइनिंग सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा हो ,उसको अच्छा वेतन मिले उसके स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित की जाए और उसका वेतन सुनिश्चित किया जाए. इस दिशा में हमारा डायरेक्टर जनरल माइंस सेफ्टी डीजीएमएस काम कर भी रहा है. उन्होंने कहा कि माइंस सेक्टर में कई नए-नए उपकरण लाए गए हैं. उसे सर्टिफाइ करने और डीजीएमएस के अधिकारियों के नॉलेज बिल्ड करने का भी निर्णय हुआ है.