विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में अधिक गर्मी और लू चलने की संभावना है. जानें कि हीटस्ट्रोक का हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है…
हर साल अप्रैल से जून तक देश में हीट वेव चलती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, गर्म लहरें मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं. 1998 से 2017 के बीच दुनिया भर में गर्म लहरों से 1.6 मिलियन से अधिक लोगों की मौत हो चूकी है. इस समय भारत में भी गर्म लहरों का खतरा अधिक है. अप्रैल के महीने में कई जगहों पर पारा 40 डिग्री को पार कर गया है. सूरज की तपिश हर दिन बढ़ती जा रही है. बढ़ती गर्मी की वजह से हीटस्ट्रोक की समस्या उत्पन्न हो रही है क्योंकि लोग सूरज की तपिश सहन नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे समय में खुद को गर्म हवाओं से बचाना बहुत जरूरी है. इस गर्मी में हम सभी को संतुलित आहार लेना चाहिए, खूब पानी पीना चाहिए और नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी, फलों के जूस आदि जैसे हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए. क्योंकि इससे शरीर हाइड्रेट रहता है.
इसके साथ ही कोशिश करें कि जितना हो सके धूप में बाहर न निकलें. खासकर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर पर ही रहें. कई बार इसके बावजूद भी अगर लोगों को हीटस्ट्रोक हो जाए और हीटस्ट्रोक के लक्षण महसूस होने लगें तो कुछ बातों का ध्यान रखना और कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है. अगर हीटस्ट्रोक हो जाए और इसके लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है और थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है.
नागपुर के वरिष्ठ चिकित्सक विशाल गजेमवार के अनुसार, वृद्ध लोगों, दीर्घकालिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों और हार्ट डिजीज से ग्रस्त लोगों को लू का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, छोटे बच्चों, श्रमिकों और तेज धूप में बाहर खेलने वाले बच्चों को भी बढ़ती गर्मी का खतरा रहता है. ऐसी परिस्थितियों में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. हीटस्ट्रोक के कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन्हें आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार: जब खुले क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री से अधिक हो जाता है और गर्म हवाएं चलने लगती हैं, तो ऐसी स्थिति को हीट वेव कहा जाता है. यदि कोई व्यक्ति कुछ घंटों के लिए ऐसे क्षेत्र में बाहर रहता है जहां गर्म लहर चल रही हो, तो वह व्यक्ति हीटस्ट्रोक से पीड़ित हो सकता है. इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है. हीट स्ट्रोक के बाद व्यक्ति को चक्कर आना और तेज सिरदर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यदि ये लक्षण दिखाई दें और तुरंत उपचार न किया जाए तो हीटस्ट्रोक से मृत्यु हो सकती है. आज के खबर में हीटस्ट्रोक के बारे में विस्तार से जानें…
लू लगने के लक्षण क्या हैं?
- गर्मी के कारण शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है.
- तेज सांस लेना और हार्ट बीट की गति बढ़ जाना.
- जोरदार सिर दर्द के साथ चक्कर आना.
- जी मिचलाना, उल्टी होना और अस्वस्थ महसूस होना.
- अस्वस्थता के कारण स्पष्ट रूप से बोल पाने कठिनाई का सामना करना .
- चेहरा लाल हो जाना.
तुरंत करें यह काम
- लू लगने के लक्षण दिखने पर तुरंत अपने टाइट कपड़ों को ढीला कर दें या हल्के कपड़े पहने.
- अधिक भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और खुली, हवादार जगह पर बैठें.
- ठंडे पानी में तौलिया या सूती कपड़ा भिगोएं, निचोड़ें और शरीर को पोंछें.
- शरीर का तापमान कम करने के लिए अपनी बगलों में गीला कपड़ा रखें.
- लू लगने के लक्षण दिखने पर थोड़ा आराम करें. फिर नारियल पानी या जूस जैसे हेल्दी ड्रिंक पिएं.
सावधानी है जरूरी
- लू लगने पर घरेलू इलाजके साथ-साथ तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
- हीटस्ट्रोक होने पर तुरंत बहुत ठंडी जगह पर न जाएं. ऐसी जगह रखें जहां तापमान न तो बहुत गर्म हो और न ही बहुत ठंडा.
- हीटस्ट्रोक के लक्षण महसूस होने पर तुरंत बहुत ठंडा पानी पीने की गलती न करें.
- हीटस्ट्रोक होने पर तुरंत नहाने की गलती न करें, वरना हालत और खराब हो सकती है.