Tuesday, April 1, 2025

देवघर कोर्ट ने सुनायी फांसी की सजा, 70 हजार जुर्माना, बास्की हत्याकांड में 14 साल बाद आया फैसला

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देवघर की अदालत ने हत्या के दोषी सुनील दास को फांसी की सजा सुनायी है. 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. बास्की दास हत्याकांड में 14 साल बाद अदालत का फैसला आया है. अभियोजन पक्ष से 24 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी. एडीजे टू सह विशेष न्यायाधीश साइबर क्राइम अशोक कुमार की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया.

देवघर-डेढ़ दशक पुराने हत्या मामले में देवघर की अदालत ने दोषी सुनील दास को फांसी की सजा सुनायी. अदालत ने 70 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. बास्की दास का सिर काटकर प्लास्टिक के बोरे में भरकर हदहदिया पुल के पास फेंक दिया गया था. इसके बाद इस मामले का पुलिस ने खुलासा किया था

अदालत ने सुनायी फांसी की सजा


अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायाधीश साइबर क्राइम अशोक कुमार की अदालत ने सेशन ट्रायल नंबर-246 ए/2010 सरकार बनाम सुनील दास मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद अभियुक्त सुनील दास उर्फ अजय दास उर्फ सोनू को हत्या का दोषी करार दिया. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद उसे फांसी की सजा सुनायी गयी.

2010 का है मामला


सजायाफ्ता देवघर नगर थाना क्षेत्र के धनगौर बम्पास टाउन का रहने वाला है. उसके खिलाफ नगर थाने में 10 जुलाई 2010 को तत्कालीन थाना प्रभारी अंजनी कुमार तिवारी के बयान पर मुकदमा दर्ज हुआ था. मुकदमा दर्ज होने के बाद केस का अनुसंधान अवर निरीक्षक इंद्रदेव राम ने किया और आरोप पत्र समर्पित किया. एफआईआर अज्ञात के विरुद्ध दर्ज हुआ था. बाद में अभियुक्त सुनील दास के नाम का खुलासा हुआ. हदहदिया पुल के पास बोरे में सिर कटा शव बरामद हुआ था, जिसकी पहचान बास्की दास के रूप में की गयी थी. मृतक की पत्नी ने इसकी पहचान की, जो अभियुक्त के रिश्ते में मामा लगता था.

14 साल बाद मिला न्याय


मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से 24 लोगों ने घटना के समर्थन में गवाही दी और दोष सिद्ध करने में सफल रहा. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने पक्ष रखा, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने फांसी की सजा सुनायी. इस मामले में 14 साल बाद मृतक की पत्नी को न्याय मिला.

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