मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाने में झारखंड के आशीष बत्रा और जया रॉय की बड़ी भूमिका है. आशीष बत्रा झारखंड कैडर के 1997 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं, तो जया रॉय 2011 बैच की पुलिस अधिकारी हैं.
रांची : मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद अंतत: गुरुवार को भारत लाया गया. एनआइए और एनएसजी के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम लॉस एंजिलिस से उसे लेकर एक विशेष विमान से दिल्ली पहुंची. शाम 6:30 बजे दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही उसे एनआइए ने गिरफ्तार कर लिया और अपने मुख्यालय ले गये. उसे भारत लाने में कई बड़े अधिकारियों का हाथ था. इनमें से दो का संबंध तो झारखंड से हैं. ये दो अधिकारी आशीष बत्रा और जया रॉय है.
झारखंड कैडर के 1997 बैच के आइपीएस हैं आशीष बत्रा
आशीष बत्रा और जया रॉय का झारखंड से नाता रहा है. आशीष बत्रा झारखंड कैडर के 1997 बैच के आइपीएस अधिकारी हैं. वह मौजूदा समय में एनआइए में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर हैं. एनआइए में आने से पहले वह झारखंड जगुआर के आइजी थे. वर्ष 2019 में उन्हें पांच साल की प्रतिनियुक्ति पर एनआइए में लाया गया. पिछले साल सितंबर में गृह मंत्रालय ने उनका कार्यकाल दो साल बढ़ा दिया. वह हजारीबाग के एसपी व रांची के सिटी एसपी भी रहे.
2011 बैच की पुलिस अधिकारी हैं जया रॉय
वहीं, जया रॉय झारखंड कैडर के 2011 बैच की पुलिस अधिकारी हैं. वह मौजूदा समय में एनआइए में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल हैं. उन्हें जामताड़ा में साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए याद किया जाता है.
तहव्वुर राणा के लिए एनआईए ने मांगी 20 दिनों की रिपोर्ट
भारत लाने के तुरंत बाद ही तहव्वुर राणा को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया. जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने उसकी 20 दिन की रिमांड मांगी. एनआइए ने कहा कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं. सुनवाई बंद कमरे में हुई. राणा के प्रत्यर्पण से आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका उजागर होने की उम्मीद है. वह पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है. उसने आतंकी संगठन लश्कर-एतैयबा और हरकत-उल-जिहाद-एइस्लामी की मदद की थी और मुंबई हमले की प्लानिंग की थी.
