ईडी के मुताबिक, डिस्टिलरी ने व्यवस्थित रूप से खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और बेहिसाब नकदी में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने के लिए फर्जी खरीद की.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे तमिलनाडु की सरकारी शराब कंपनी टैसमैक (TASMAC) के संचालन में कई अनियमितताएं मिली हैं, जिनमें निविदा प्रक्रियाओं में हेराफेरी और डिस्टिलरी कंपनियों के जरिये 1,000 करोड़ रुपये के बेहिसाब नकद लेनदेन शामिल हैं.
आर्थिक जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसे छह मार्च को तमिलनाडु राज्य विपणन निगम लिमिटेड (टैसमैक) के कर्मचारियों, डिस्टिलरी के कॉरपोरेट कार्यालयों और उत्पादन संयंत्रों पर छापेमारी के बाद इन भ्रष्ट आचरणों का संकेत देने वाले साक्ष्य मिले. ईडी के सूत्रों ने छापेमारी के दिन कहा था कि शराबबंदी और आबकारी विभाग के मंत्री सेंथिल बालाजी से जुड़े प्रमुख सहयोगियों के खिलाफ भी छापेमारी की गई थी.
ईडी ने कहा कि उसे तलाशी के दौरान स्थानांतरण एवं पदस्थापन, परिवहन और बियर बार के लाइसेंस निविदा, कुछ डिस्टिलरी कंपनियों के पक्ष में आदेश, टैसमैक की दुकानों से प्रति बोतल 10 से 30 रुपये का अतिरिक्त शुल्क, इसके अधिकारियों की संलिप्तता से संबंधित आंकड़ा मिला है.
इसने कहा कि यह डेटा टैसमैक के परिवहन निविदा आवंटन में हेराफेरी दिखाता है. इससे पता चलता है कि, अंतिम सफल बोली लगाने वाले ने आवेदन की समयसीमा से पहले अपेक्षित डिमांड ड्राफ्ट भी नहीं पेश किया था. अंतिम बोली में केवल एक ही आवेदक होने के बावजूद निविदाएं प्रदान की गईं.
ईडी ने कहा कि तमिलनाडु सरकार की शराब विक्रेता कंपनी टैसमैक ने ट्रांसपोर्टरों को सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि तलाशी में एसएनजे, काल्स, एकॉर्ड, एसएआईएफएल और शिवा डिस्टिलरी जैसी डिस्टिलरी कंपनियों और देवी बॉटल्स, क्रिस्टल बॉटल्स और जीएलआर होल्डिंग जैसी बॉटलिंग संस्थाओं से जुड़ी बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी भी पाई गई.
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, डिस्टिलरी ने व्यवस्थित रूप से खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया और बेहिसाब नकदी में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने के लिए फर्जी खरीद की.