Join our community of SUBSCRIBERS and be part of the conversation.

To subscribe, simply enter your email address on our website or click the subscribe button below. Don't worry, we respect your privacy and won't spam your inbox. Your information is safe with us.

32,111FollowersFollow
32,214FollowersFollow
11,243FollowersFollow

News

Company:

Friday, March 7, 2025

डायबिटीज मरीजों को आर्टिफिशियल शुगर के इस्तेमाल से बचने की जरूरत, विशेषज्ञों ने दी सावधानी बरतने की चेतावनी

Share

आज के समय में डायबिटीज और मोटापे से पीड़ित लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. ऐसे में, डायबिटीज के मरीजों को अपने डाइट का बेहद ख्याल रखना पड़ता है. डायबिटीज के मरीजों के लिए मीठा खाद्य पदार्थ खाना बेहद खतरनाक हो सकता है. जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है, (हाई ब्लड शुगर) उनके लिए तो मीठा खाना जहर के समान है. ऐसे में कुछ डायबिटीज मरीज अपने आहार में आर्टिफिशियल शुगर को शामिल कर रहे हैं. वहीं, कुछ डायबिटीज पेशेंट इसे लेने से बचते हैं या कम उपयोग करते हैं.

हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशियल शुगर हेल्थ के लिए बहुत अच्छा नहीं है. विशेषज्ञ आर्टिफिशियल शुगर के सेवन के प्रति सावधान रहने की चेतावनी दे रहे हैं. उनका ऐसा कहना है कि कुछ खाद्य पदार्थों की तरह आर्टिफिशियल शुगर भी हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है. बताया गया है कि इनके सेवन से कुछ लोगों को पेट फूलने और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. यह बात 2020 में नेचर रिव्यू एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित ‘आंत के माइक्रोबायोम पर आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रभाव’ टाईटल वाले एक अध्ययन में सामने आई है. (रिपोर्ट के लिए यहां क्लिक करें ) इसलिए, यह सुझाव दिया जाता है कि जितना संभव हो सके इनसे दूर रहना ही सबसे अच्छा है

कैलोरी के मामले में: विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर में कैलोरी कम होती है. ऐसा कहा जाता है कि कुछ इंग्रेडिएंट्स में बिल्कुल भी कैलोरी नहीं होती. यही कारण है कि कुछ लोग अपनी फिटनेस बनाए रखने और वजन कम करने के लिए ऐसे आर्टिफिशियल स्वीटनर को अपने आहार में शामिल करते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का सुझाव है कि स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए शरीर को आवश्यक स्पेसिफिक कैलोरी पर समझौता नहीं करना चाहिए.

ध्यान रखें, कृत्रिम स्वीटनर ज्यादा सेवन हेल्थ से खिलवाड़ करने जैसा है. इससे कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जिसमें हार्ट डिजीज, कैंसर, अस्थमा, तनाव, स्ट्रोक और एलर्जी शामिल है. कुछ शोध में तो इस बात का भी खुलासा हुआ है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को भी बढ़ाता है. इससे टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है

नेचुरल शुगर ही बेहतर: विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशियल शुगर कभी भी प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों की जगह नहीं ले सकती है. इसलिए, यह कहा जाता है कि कम कैलोरी वाली मिठाइयों के लिए प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्वों का उपयोग करना बेहतर होता है. ऐसा कहा जाता है कि इनके सेवन से न केवल स्वाद बढ़ता है, बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है. यह भी कहा जाता है कि डायबिटीज के रोगियों को आर्टिफिशियल शुगर के उपयोग के संबंध में अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.

पानी का सेवन कम न करें: विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ रहने के लिए हर दिन पर्याप्त पानी पीना आवश्यक है. हालांकि, कुछ लोग आर्टिफिशियल शुगर वाले ड्रिंक्स पीते समय पानी पीने से बचते हैं. लेकिन, विशेषज्ञ ऐसे समय में भी पानी पीने की सलाह देते हैं. बताया गया है कि पानी शरीर से अशुद्धियां निकालता है और निर्जलीकरण से बचाता है. यह सलाह दी जाती है कि जितना संभव हो कृत्रिम मिठास वाले पेय और खाद्य पदार्थों से बचें.

(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)

Read more

Local News