नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर सभी टैरिफ खत्म करने की पेशकश की है. ट्रंप ने इस कदम को ऐतिहासिक व्यापारिक जीत बताते हुए कहा कि वे व्यापार करना लगभग असंभव बना देते हैं. क्या आप जानते हैं कि वे अमेरिका के लिए अपने टैरिफ में 100 फीसदी कटौती करने को तैयार हैं?
भारत ने अमेरिकी टैरिफ में कटौती की पेशकश की
फिर भी जीत के बावजूद ट्रंप ने कहा कि उन्हें किसी भी समझौते को औपचारिक रूप देने की जल्दबाजी नहीं है. मुझे कोई जल्दी नहीं है. देखिए, हर कोई हमारे साथ डील करना चाहता है. उन्होंने कहा कि इस बारे में मिश्रित संकेत देते हुए कि सौदा वास्तव में कितना करीब है.
भारत की इसपे राय
हालांकि भारत ने उम्मीदों को कम करने में देर नहीं लगाई. पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता अभी भी जारी है, जटिल है और अभी अंतिम दौर से दूर है.
जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार निगोशिएशन चल रही है. ये जटिल निगोशिएशन हैं. जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता. कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए. इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए. जब तक ऐसा नहीं हो जाता, तब तक इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी.
अमेरिका वित्तीय सवालों का सामना कर रहा
ट्रंप की व्यापार संबंधी तेजी की बातें ऐसे समय में सामने आई हैं जब अमेरिका अपनी वित्तीय सेहत को लेकर बढ़ते सवालों का सामना कर रहा है. मूडीज ने बढ़ते राष्ट्रीय लोन, बढ़ती ब्याज लागत, लगातार राजकोषीय घाटे और वाशिंगटन में राजनीतिक शिथिलता का हवाला देते हुए अमेरिका की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को उसके शीर्ष स्तर Aaa से घटाकर Aa1 कर दिया है.
मूडीज की चेतावनी
मूडीज को फिच और एसएंडपी के साथ लाने वाला यह ऐतिहासिक डाउनग्रेड अमेरिका के राजकोषीय प्रक्षेपवक्र के बारे में बढ़ते संदेह को दिखाता है. विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि इससे अमेरिकी सरकार के लिए उधार लेने की लागत बढ़ सकती है. वित्तीय बाजारों में अस्थिरता आ सकती है और दुनिया के वित्तीय सुरक्षित पनाहगाह के रूप में अमेरिका में वैश्विक विश्वास कम हो सकता है – भले ही ट्रंप विदेश में व्यापार लाभ का अनुमान लगा रहे हों.