जीविका दीदियों को अब प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई की जिम्मेदारी दी गई है. इससे न सिर्फ स्वच्छता बढ़ेगी बल्कि हजारों महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा. यह पहल दीदियों के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में बड़ा कदम है. पढ़ें पूरी खबर…
बिहार सरकार ने जीविका दीदियों को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. अब वे सचिवालय, सरकारी अस्पतालों और कैंटीन के साथ-साथ प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों की सफाई व्यवस्था भी संभालेंगी. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस पहल की शुरुआत बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) के सहयोग से की गई है.
जीविका दीदियों को मिलेगा 10-12 हजार
राज्यभर के 534 प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई पर सरकार हर साल करीब 34 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इससे करीब तीन हजार महिलाओं को रोजगार मिलेगा और प्रत्येक दीदी को 10 से 12 हजार रुपये मासिक पगार मिलने का अनुमान है. वर्तमान में जीविका दीदियां अस्पतालों की सफाई, लांड्री और कैंटीन जैसे कार्य कर रही हैं, अब वे सरकारी कार्यालयों में भी सफाई के लिए तैनात की जाएंगी.
कार्यालय भवनों की मापी कर क्षेत्रफल का मांगा ब्योरा
यह कदम न सिर्फ कार्यालयों की स्वच्छता में सुधार लाएगा, बल्कि जीविका दीदियों के आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में भी बड़ी पहल साबित होगा. इससे कार्यालयों में काम कर रहे कर्मचारियों को बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों को भी स्वच्छ माहौल महसूस होगा. सरकार ने प्रखंड विकास पदाधिकारियों से सभी कार्यालय भवनों की मापी कर क्षेत्रफल का ब्योरा मांगा है. हालांकि, इस सफाई क्षेत्र में आवासीय भवनों को शामिल नहीं किया जाएगा.