Thursday, January 23, 2025

जमशेदपुर में कोल्हान स्तरीय टुसू मेला, मांदर की थाप पर झूमे सांसद व अन्य नेता

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जमशेदपुरः लौहनगरी में झारखंडवासी एकता मंच द्वारा कोल्हान स्तरीय विशाल टुसू मेला का आयोजन किया गया. इस मेला में पश्चिम बंगाल और ओडिशा के ग्रामीण टुसू और विशाखा चौड़ल के साथ शामिल हुए. इस मौके पर सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि यह पर्व हमें विरासत में मिली है हम सरकार से मांग करते हैं कि इस पर्व में तीन दिन छुट्टी की घोषणा करे.

झारखंड में आदिवासी समाज मकर पर्व से टुसू मानते हैं. राज्यभर में समाज द्वारा इस अवसर पर कई तरह के आयोजन किये जाते हैं. कई दिनों तक अलग-अलग क्षेत्र में टुसू मेला का आयोजन होता है. इसी कड़ी में जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में झारखंडवासी एकता मंच द्वारा कोल्हान स्तरीय टुसू मेला का आयोजन किया गया.

इस टुसू मेला में कोल्हान के अलग-अलग क्षेत्र के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के ग्रामीण भी टुसू की मूर्ति और ऊंचे-ऊंचे चौड़ल (झांकी) के साथ शामिल हुए. लाखों की संख्या में भीड़ टुसू मेला का देर रात तक आनंद लेते रहे. इस मेला में बूढ़ी गाड़ी नाच, टुसू प्रतिमा और आकर्षक चौड़ल प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया.

झारखंडवासी एकता मंच द्वारा आयोजित विशाल टुसू मेला में मंच के मुख्य संयोजक आस्तिक महतो व संयोजक सह जमशेदपुर लोकसभा सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक सविता महतो, पूर्व सांसद सुमन महतो, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता के अलावा कई अतिथि मौजूद रहे. सबों ने झारखंड के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. बता दें वर्ष 2006 में जमशेदपुर के पूर्व सांसद स्व. सुनील महतो ने टुसू मेला की शुरुआत की थी तब से आज तक हर वर्ष 21 जनवरी को टुसू मेला का आयोजन होता आ रहा है.

टुसू मेला के मंच पर कलाकारों द्वारा झूमर गीत पर सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता और आस्तिक महतो, समाजसेवी विकास सिंह मांदर बजाकर जमकर थिरके. इस मौके पर जमशेदपुर लोकसभा के सांसद विद्युत महतो ने कहा कि बदलते परिवेश में परिधान के साथ साथ सोच न बदले इसलिए इस पर्व के रीति रिवाज को जीवित रखने की जरूरत है. हर जगह मकर व टुसू पर्व के महान विरासत को कायम रखने की जिम्मेदारी आनेवाली पीढ़ी पर है.

सांसद ने कहा कि झारखंड में यह पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है अमीर-गरीब किसान मजदूरी करने वाले सभी मिलकर पीठा खाते है एक दूसरे को खिलाते हैं जिससे जीवन में मिठास कायम रहे. राज्य सरकार से टुसू पर्व पर तीन दिन की छुट्टी घोषित करने की मांग की है जिससे इस पर्व का आंनद और बढ़ सके.

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