Tuesday, April 22, 2025

गलत बिलिंग के कारण उबर पर अमेरिका में एक्शन, जानें भारत में कितनी है कैंसिलेशन फीस, कैसे मिलता है रिफंड ?

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उबर ने 2024 में भारत में अपना सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम लॉन्च किया था. इसमें मासिक और वार्षिक दोनों तरह के सब्सक्रिप्शन प्लान दिए जाते हैं.

 यूएस फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने उबर टेक्नोलॉजीज (Uber Technologies) के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि कंपनी अपनी Uber One सब्सक्रिप्शन सर्विस से संबंधित भ्रामक बिलिंग और कैंसिलेशन प्रैक्टिस में लिप्त है. 21 अप्रैल, 2025 को दायर की गई FTC की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उबर ने यूजर्स से उनकी सहमति के बिना सब्सक्रिप्शन फीस ली.

इसमें यह भी दावा किया गया है कि कंपनी ने प्रोग्रामिंग को गलत तरीके से पेश किया और कैंसिलेशन को अत्यधिक कठिन बना दिया. एजेंसी ने उल्लेख किया कि यूजर्स सर्विस कैंसिल करने के लिए 32 प्रोसेस पूरे करने पड़ सकते हैं. कुछ यूजर्स को बताया जाता है कि उन्हें कैंसिलेशन के लिए उन्हें ग्राहक सहायता से संपर्क करना होगा, लेकिन उन्हें उनसे संपर्क करने का कोई तरीका नहीं दिया जाता है.

सब्सक्रिप्शन के बारे में जानकारी छिपाने का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि Uber One के लिए साइन अप करते समय, ग्राहकों को गलत तरीके से 25 डॉलर प्रति माह की सेविंग का वादा किया जाता है. अगर यह सच भी हो, तो उबर उन बचतों की गणना करते समय सब्सक्रिप्शन की कोस्ट (9.99 डॉलर/माह तक) को ध्यान में नहीं रखता है. साथ ही कंपनी सब्सक्रिप्शन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी भी छिपाती है.

कई उपभोक्ताओं का कहना है कि उनकी सहमति के बिना उन्हें सब्सक्रिप्शन में इनरोल किया गया था. शिकायत में एक ग्राहक का हवाला दिया गया है, जिसने कहा कि उबर अकाउंट न होने के बावजूद उससे शुल्क लिया गया.

बिलिंग डेट से पहले फीस
साइन-अप के बाद उबर कस्टमर से उनकी बिलिंग डेट से पहले फीस लेता है. उदाहरण के लिए, कुछ ग्राहक जिन्होंने फ्री ट्रायल के लिए साइन अप किया था, उनका कहना है कि फ्री ट्रायल समाप्त होने से पहले ही उनसे सर्विस के लिए ऑटोमैटिकली शुल्क ले लिया गया था, जबकि उबर ग्राहकों को ट्रायल अवधि के दौरान बिना किसी शुल्क के कैंसिलेशन की सुविधा देने का वादा करती है.

इस संबंध में एफटीसी के चेयरमैन एंड्रयू एन फर्ग्यूसन ने कहा, “अमेरिकी लोग गैर जरूरी सब्सक्रिप्शन के लिए साइन अप करने से थक चुके हैं. इन्हें कैंसिल करना असंभव लगता है.” उन्होंने कहा कि आज हम आरोप लगा रहे हैं कि उबर ने न केवल कस्टमर्स को उनकी सब्सक्रिप्शन को लेकर धोखा दिया, बल्कि ग्राहकों के लिए सदस्यता रद्द करना भी अनुचित रूप से कठिन बना दिया.”

उबर ने आरोपों को नकारा
हालांकि, उबर ने गलत काम करने से इनकार करते हुए कहा कि इसकी प्रक्रियाएं कानून का पालन करती हैं और अधिकांश यूजर्स 20 सेकंड के भीतर सर्विस कैंसिल कर सकते हैं. एफटीसी द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए उबर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ग्राहकों की सहमति के बिना उन्हें साइन-अप या चार्ज नहीं लेती है.

रॉयटर्स के अनुसार, उबर के प्रवक्ता नोआ एडवर्डसन ने कहा, “हम निराश हैं कि एफटीसी ने इस कार्रवाई के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया, लेकिन हमें विश्वास है कि अदालतें इस बात से सहमत होंगी कि हम पहले से ही जानते हैं. उबर वन की साइन-अप और कैंसिलेशन प्रोसेस स्पष्ट और सरल है. कंपनी कानून का पालन करती है.”

बता दें कि उबर के खिलाफ दायर किया गया मुकदमा FTC द्वारा उन कंपनियों को टारगेट करने वाले एक व्यवस्थित अभियान का हिस्सा है जो कैंसिलेशन को कठिन बनाती हैं. उबर के खिलाफ यह कानूनी कार्रवाई FTC की हाल ही में शुरू की गई ‘टाइम इज मनी’ पहल के बाद हुई है, जो विशेष रूप से कस्टमर सर्विस डिजाइनों को टारगेट करती है, जो कैंसिलेशन को अनावश्यक रूप से जटिल बनाकर ज्दाया लाभ उठाती हैं.एजेंसी ने हाल ही में अमेजन और अडोब सहित प्रमुख तकनीकी कंपनियों के खिलाफ भी इसी तरह के मामलों को आगे बढ़ाया है.

मामले में एक्सपर्ट की राय
इंटरनेशनल कंज्युमर पॉलिसी एक्सपर्ट प्रोफेसर बिजोन कुमार मिश्रा ने ईटीवी भारत से कहा कि यह मामला टेक्नोलॉजिकल प्लेटफॉर्म की ग्लोबल रेगुलेटरी निगरानी की आवश्यकता को रेखांकित करता है. मिश्रा ने कहा, “कंपनियां लाभ कमा रही हैं जो उनके हक में है. इस निगरानी के लिए रेगुलेशन की हमेशा तत्काल आवश्यकता होती है, ताकि यह जांचा जा सके कि कोई अनैतिक व्यवहार तो नहीं हो रहा है.”

उन्होंने मोबिलिटी और डिलीवरी सेक्टर में एक विशेष नियामक की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “जब तक कानून या रेगुलेशन नहीं बनाया जाता है, तब तक लोग हिम्मत नहीं करेंगे, वे जो मन में आएगा वही करेंगे. उस डर को पैदा करने के लिए लोगों की सुरक्षा के लिए एक रेगुलेटरी की जरूरत है, जो ओला या उबर के लिए पूरी दुनिया में मौजूद नहीं है.”

मिश्रा ने बताया कि डिसेप्शन में बदलाव होना चाहिए, लेकिन नियम भी ऐसे होने चाहिए कि उपभोक्ता उनका दुरुपयोग न कर सकें. उन्होंने जोर देकर कहा, “एक नियामक की जरूरत है ताकि न तो कंपनी इसका दुरुपयोग कर सके और न ही उपभोक्ता. अगर कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं है, तो लोग बिना सोचे-समझे बुकिंग कर लेंगे… इसलिए अनुशासन लाने के लिए इन शुल्कों की जरूरत है.”

भारत में उबर सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम
उबर ने 2024 में भारत में अपना सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम, उबर वन लॉन्च किया था. इसमें मासिक और वार्षिक दोनों तरह के सब्सक्रिप्शन प्लान दिए जाते हैं. उबर वन के तहत ग्राहक 149 रुपये प्रति माह है और 1499 रुपये प्रति वर्ष का सब्सक्रिप्शन खरीद खरीद सकते हैं. उबर वन सदस्यों को उबर क्रेडिट भी मिलता है, जो प्रति ट्रिप 150 रुपये तक सीमित होता है.

हालांकि, कैंसिलेशन की अनुमति केवल वार्षिक योजना पर ही है. एक बार सब्सक्रिप्शन कैंसिल होने के बाद यूजर्स को अपनी यात्राओं या अन्य सब्क्रिप्शन बेनेफिट्स पर उबर वन क्रेडिट तक एक्सेस नहीं मिलेगा.

उबर सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम में क्या ऑफर कर रही कंपनी
उबर सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम के तहत कंपनी राइड पर 10 प्रतिशत तक क्रेडिट देती है. यह ऑफर उबर की विभिन्न सर्विस पर लागू होता, जिसमें चार पहिया वाहन, तिपहिया वाहन और दोपहिया वाहन शामिल हैं. इन क्रेडिट को भविष्य रिदीम किया जा सकता है.

इसके अलावा कंपनी उबर वन सदस्यों कस्टमर सपोर्ट में प्राथमिकता भी मिलती है. उबर वन यूजर्स को पात्र सवारी और उपलब्धता पर टॉप-रेटेड ड्राइवर भी मिलते हैं. उबर वन सब्सक्रिप्शन लेने वाले ग्राहकों को कंपनी 250 रुपये मासिक बचत का मौका भी देती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर है कि यूजर्स के क्षेत्र में लोग उरब वन से औसतन कितनी बचत करते हैं.

उबर वन के कितने सदस्य?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के पास 30 सितंबर 2024 तक उबर वन के 25 मिलियन सदस्य थे. सीईओ दारा खोसरोशाही ने कार्यक्रम के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सदस्य तीन गुना अधिक खर्च करते हैं और नॉन-सब्सक्रिप्शन सदस्यों की तुलना में उनका रिटेनशन रेट ज्यादा है.

क्या भारत में लगता कैंसिलेशन चार्ज?
अगर कोई ग्राहक उबर बुक करने के बाद उसे कैंसिल करता है तो उबर ड्राइवर को अपने प्रयासों, लोकेशन पर आने और इंतजार करने के लिए भुगतान करने के लिए राइडर से कैंसिलेशन फीस ले सकता है. देखा जाए तो यह कदम बिल्कुल ठीक लगता है, लेकिन कई बार कैंसिलेशन चार्ज गलत तरीके से वसूल लिया जाता है.

कैंसिलेशन चार्ज कैसे वापस पाएं ?
ऐसे में अगर आपसे भी गलत तरीके से कैंसिलेशन चार्ज वसूल किया गया है तो अब आप उसे आसानी उसका रिफंड हासिल कर सकते हैं.. रिफंड पाने के लिए आप नीचे दिए गए स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस को फॉलो कर सकते हैं.

  • यात्रा कैंसिल करने के बाद मेनू में TRIPS पर जाएं.
  • कैंसिल की गई यात्रा पर क्लिक करके कैंसिलेशन चार्ज देखें.
  • इसके बाद ‘गेट ट्रिप हेल्प?’ विकल्प पर टैप करें
  • अब दिए गए विकल्पों में से ‘डिस्पयूट माय कैंसिलेशन फीस’ पर टैप करें.
  • यहां कैंसिलेशन चार्ज की समीक्षा करें चुनें और सबमिट करें.
  • यहां कुछ पूर्वनिर्धारित कारण प्रदर्शित करेगा, अपना कारण चुनें और सबमिट करें.
  • इसके बाद कैंसिलेशन फीस रिफंड प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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