Tuesday, May 20, 2025

क्लेम रिजेक्शन से लेकर ब्याज न मिलने तक, PF अकाउंट ट्रांसफर न करने पर आ सकती हैं ये दिक्कतें

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कई बार कर्मचारी नौकरी बदलने के बाद अपना पुराना EPF अकाउंट नई कंपनी में ट्रांसफर नहीं करते हैं. इस उन्हें कई दिक्कतों हो सकती हैं.

नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) एक भरोसेमंद सेविंग स्कीम है. इससे कर्मचारियों रिटायरमेंट के बाद काफी मदद मिलती है. हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि कर्मचारी नौकरी बदलने के बाद अपना पुराना EPF अकाउंट नई कंपनी में ट्रांसफर नहीं करते हैं.

यह छोटी सी लापरवाही कई बार आपको भारी पड़ सकती है और इसके चलते आपको कई समस्याओं का सामन करना पड़ सकता है. ऐसे में अगर आपने भी नौकरी बदली है और अपना पीएफ अकाउंट ट्रांसफर नहीं किया है तो इसे तुरंत नई कंपनी को ट्रांसफर करें.

पीएफ अकाउंट कैसे ट्रांसफर करें?

  • सबसे पहले EPFO की आधिकारिक साइट पर लॉग इन करें.
  • यहां ऑनलाइन सर्विस का विकल्प चुनें.
  • इसरे बाद वन मेंबर वन ईपीएफ अकाउंट का ऑप्शन सेलेक्ट करें.
  • अब पुरानी कंपनी सेलेक्ट और फॉर्म 13 सबमिट कर दें.
  • आपके नियोक्ता से अप्रूवल मिलने के बाद EPF अकाउंट ट्रांसफर हो जाएगा.

मिलना बंद हो जाएगा ब्याज
EPFO के नियमों के अनुसार अगर आपका EPF अकाउंट डोरमेंट है तो उस पर 36 महीने ब्याज मिलता है. अगर आपने 36 महीनों तक अपने ईपीएफ अकाउंट में कोई योगदान नहीं किया तो अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है. इसके बाद ब्याज मिलना बंद हो जाता है. ऐसे में अगर आपने नौकरी बदलने के बाद अपना EPF अकाउंट ट्रांसफर नहीं किया तो आपको पुराने अकाउंट पर सिर्फ तीन साल तक ही ब्याज मिलेगा.

टैक्स का झंझट और TDS की मार
अगर किसी कर्मचारी के पीएफ अकाउंट 5 साल तक कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं होता है या उसने उसे ट्रांसफर नहीं किया है, तो पैसे निकालते समय उसके अकाफंट टैक्स कट सकता है. बता दें कि अगर कोई कर्मचारी नौकरी बदलने के बाद अपना अकाउंट ट्रांसफर करता है तो नौकरी बदलने की तारीख से ही उसकी सर्विस की गणना भी जुड़ जाती है.

डेटा मिसमैच होने का खतरा
बता दें कि EPFO की ओर से हर एक कर्मचारी को अलग-अलग यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) दिया जाता है. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी ने अपना अकाउंट ट्रांसफर नहीं किया है तो नई कंपनी आपका नया अकाउंट जनरेट कर सकती है. इसके चलते आपके डेटा मैचिंग में समस्या हो सकती है.

PF क्लेम रिजेक्शन
अगर किसी कर्मी ने PF ट्रांसफर नहीं कराए, तो इससे आपके कुल सर्विस पीरियड एक साथ नहीं जोड़ेंगे . इसके चलते कर्मचारी को रिटायरमेंट या रेजिग्नेशन के बाद फंड निकालने में दिक्कत आ सकती है और उसका क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है.

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