Monday, April 28, 2025

कन्नगी-मुरुगेसन ऑनर किलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि बरकरार रखी

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सुप्रीम कोर्ट ने कन्नगी-मुरुगेसन ऑनर किलिंग मामले में दोषियों को दोषी करार दिया है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ‘कन्नगी-मुरुगेसन’ ऑनर किलिंग मामले में आठ आरोपियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा.

यह फैसला जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ ने सुनाया. पीठ ने मद्रास हाई कोर्ट के 2022 के फैसले के खिलाफ आठ दोषियों द्वारा दायर अपीलों को खारिज करने का फैसला किया, जिसमें उन्हें दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा गया था.

यह मामला अंतरजातीय जोड़े एस मुरुगेसन और डी कन्नगी की नृशंस हत्या से जुड़ा था, जिन्हें बाद के परिवार के सदस्यों ने जहर देकर मार दिया था. मई 2003 में इस जोड़े ने गुपचुप तरीके से शादी कर ली थी.

मुरुगेसन केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक थे और दलित समुदाय से थे. वहीं कन्नगी वाणिज्य स्नातक थीं और वन्नियार समुदाय से थीं. जुलाई 2003 में, कन्नगी के परिवार ने दंपत्ती को उस समय पकड़ लिया, जब वे शहर छोड़ने वाले थे. आरोपियों ने दंपत्ती को ज़हर पिला दिया, जिससे उनकी मौत हो गई.

बाद में उनके शवों को जला दिया गया. इस मामले में सितंबर, 2021 में कुड्डालोर की एक विशेष अदालत ने कन्नगी के भाई डी मरुदुपांडियन को मौत की सजा सुनाई.

2022 में हाई कोर्ट ने कन्नगी-मुरुगेसन जाति हत्या मामले में मुख्य आरोपी को निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सज़ा को आजीवन कारावास में बदल दिया और नौ अन्य को दी गई आजीवन कारावास की सज़ा की पुष्टि की. अदालत ने दो लोगों को सभी आरोपों से बरी भी कर दिया.

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