प्रयागराजः महाकुंभ मेला क्षेत्र में स्थित परमार्थ निकेतन शिविर परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में राष्ट्रसंत मोरारी बापू की मानस कथा हो रही है. इस कथा के छठवें दिन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शामिल हुईं. राज्यपाल ने कहा कि त्रिवेणी संगम पर बापू के मुख से राम जी का चरित्र व रामायण सुनना सौभाग्य की बात है. आज बापू ने प्रभु श्रीराम और उनके भाईयों के नामकरण की सुंदर व्याख्या की. हमें भी अपने बच्चों का नामकरण ऐसी दिव्यता के साथ करना चाहिए.
वहीं, मोरारी बापू जी ने कहा कि महाकुंभ के दिव्य अवसर पर प्रयाग में प्रयोग किया जा रहा है. प्रयाग का प्रयोग पूरे विश्व के लिए योग है. प्रयाग का जो स्वभाव है, वैसे ही प्रयाग पुरूष विश्व का संयोग करा सकते हैं. जिसके जीवन में न ठंड हो, न ताप हो, वही व्यक्तित्व संगम करा सकता है. वर्तमान समय में क्लबवासी, कल्पवासी बन रहे हैं, यह भी एक प्रयोग है.
विश्वास और श्रद्धा से ही महाकुंभ का दिव्य दर्शनः मोरारी बापू ने कहा कि रामचरित्र मानस ज्ञान और विज्ञान मार्ग है, परंतु सबसे पहले ये श्रद्धा और आस्था का विषय है. महाकुंभ का दिव्य दर्शन केवल श्रद्धा का दर्शन है. श्रद्धा ही है, जिसके दिव्य दर्शन हमें महाकुंभ में हो रहे हैं. विश्वास और श्रद्धा से ही भरोसे का जन्म होता है. कथा हमें अर्थ, धर्म का अर्थ और परमार्थ का अर्थ प्रदान करती है. बापू ने कहा कि साधु के नेत्रों में अमृत और और वचनों में अमृत होता है. जिसके मुख से निरंतर राम नाम निकलता है, उनके होठों में अमृत होता है और जिसके होठों में अमृत होता है, उससे बड़ा कोई शृंगार नहीं है. मानस में 15 अमृतों की चर्चा की गई है. महाकुंभ की धरती पर अमृत की कुछ बूंदें गिरीं, परंतु मानस कथा से निरंतर अमृत झलक रहा है.
सत्य, प्रेम और करुणा में स्नान करा रहे बापूः मलूकपीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज ने कहा कि श्रीरामचरित्र मानस जी साक्षात प्रभु श्रीराम का चरित्र है, श्रीराम जी का विग्रह है. बापू ने ऐसे-ऐसे क्षेत्रों में भी श्रीराम कथा को पहुंचाया, जहां पहुंचना संभव नहीं था. प्रभु श्रीरामकर्ता भी हैं और नियंता भी हैं. हम सभी का सौभाग्य है कि पूज्य बापू जी के श्रीमुख से हमें कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त हो रहा है. संगम में स्नान से देह का स्नान होगा और बापू मानस कथा के माध्यम से सत्य, प्रेम और करूणा में स्नान करा रहे हैं.
मन की गुलामी से आजादी दिलाती हैं कथाएंः स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आज का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज आज़ादी की बिगुल बजाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती है. उन्होंने कहा कि महापुरुष कभी जाते नहीं, वे सदैव हमारे बीच में अपने कार्यों और विचारों से जीवंत और जागृत बने रहते हैं. कई बार हमें अपने शरीर से आज़ादी प्राप्त होती है, परंतु मन गुलाम बना रहता है. सत्संग और कथाएं हमें मन की गुलामी से आजादी प्रदान करती हैं. कथाएं हमें स्वयं से भी वैराग्य प्रदान करती हैं और आने-जाने की यात्रा से भी मुक्ति प्रदान करती हैं. आचार्य लोकेश मुनि जी ने सभी पूज्य संतों का अभिनंदन करते हुए कहा कि बापू की कथा शांति का स्रोत रूपी अमृत है. पूज्य स्वामी जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों को रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला भेंट कर सभी का अभिनंदन किया.
महाकुंभ में कथा सुनना सौभाग्य की बातः वहीं, मीडिया से बातचीत करती हुई आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मैंने पूज्य बापू की कई कथाएं सुनी हैं, बापू की कथा समाज को स्वच्छ करने के लिए है. उन्होंने कहा कि थर्ड जेंडर के लिए न तो स्कूल हैं, न पढ़ाई है, लेकिन बापू उनसे मिलते हैं, उनकी बातों को सुनते हैं. मैंने संकल्प लिया था कि जब भी मैं महाकुंभ में जाऊंगी तो उनसे मिलूंगी. हम सब को मिलकर थर्ड जेंडर की शिक्षा और स्वास्थ्य के विषय में कार्य करना होगा. इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छता कर्मियों की सेवा की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि 144 वर्षों के बाद ऐसे दिव्य महाकुंभ का सौभाग्य हमें मिला है, उसका लाभ उठाएं और यहां से संकल्प लेकर जाएं.
वैक्सीन लगवाकर बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाएंः राज्यपाल ने कहा कि दो वैक्सीनेशन लगवाकर हम अपनी बेटियों को सर्वाइकल कैंसर से बचा सकते हैं. वर्तमान समय में सर्वाइकल कैंसर बढ़ते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम शराब, गुटखा, मसाला खाने में पैसे खर्च करते हैं, परंतु बेटियों को वैक्सीनेशन लगाने की बात आती है तो हम उनके लिए पैसे खर्च नहीं करना चाहते. हमारे अंदर सेवा का भाव होना चाहिए कि हमारे आसपास जो बच्चे हैं, वे टीबी या अन्य बीमारियों से ग्रस्त न हों. उन्होंने जेल भ्रमण के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि जब भी मैं जेल का भ्रमण करती हूं या फाइल पढ़ती हूं तो मुझे लगता है, क्या हम दहेज प्रथा को नहीं छोड़ सकते? जितने भी कैदी आज जेल में हैं, उनमें 80 प्रतिशत दहेज के कारण हैं. अगर हम दहेज प्रथा छोड़ दें, तो हमारी बेटियों को बचाया जा सकता है.