Saturday, May 24, 2025

इस रूट पर 160 की स्पीड से दौड़ेंगी ट्रेन, रेलखंड पर दूसरा स्पीड ट्रायल जल्द

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बिहार: पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू–गया–प्रधानखांटा (धनबाद) रेलखंड पर अब ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने को तैयार हैं. वर्तमान में इस रूट पर ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं. लेकिन, ट्रैक, सिग्नलिंग और सुरक्षा व्यवस्था को अपग्रेड कर अब इसे 160 किमी प्रति घंटे तक ले जाने की योजना अंतिम चरण में है

बिहार: पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू–गया–प्रधानखांटा (धनबाद) रेलखंड पर अब ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने को तैयार हैं. रेलवे द्वारा इस रूट पर मिशन रफ्तार के तहत ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर बुनियादी ढांचा उन्नयन का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस दिशा में दूसरा स्पीड ट्रायल अगस्त या सितंबर में किया जायेगा. इससे पहले, पहला ट्रायल चार अप्रैल को पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह की निगरानी में एलएचबी रैक युक्त एक विशेष ट्रेन द्वारा किया गया था.

130 से 160 की रफ्तार की ओर

वर्तमान में इस रूट पर ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं. लेकिन, ट्रैक, सिग्नलिंग और सुरक्षा व्यवस्था को अपग्रेड कर अब इसे 160 किमी प्रति घंटे तक ले जाने की योजना अंतिम चरण में है. इसके लिए पुराने ट्रैक को हटाकर नये ट्रैक बिछाए जा चुके हैं. पुराने पुलों के गार्डर बदले जा रहे हैं. स्वचालित सिग्नल प्रणाली और रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना पूरी हो चुकी है. जगह-जगह मेगा ब्लॉक लेकर कार्यों को तीव्रता से पूरा किया जा रहा है.

412 किमी लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर कार्य लगभग पूर्ण

412 किमी लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड को 160 किमी प्रति घंटे की गति के अनुकूल बनाया जा रहा है. इसमें बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन शामिल हैं. रेलवे ट्रैक के दोनों किनारों पर सुरक्षा बाड़ लगाये जा रहे हैं, ताकि उच्च गति में ट्रेनों का परिचालन सुरक्षित और निर्बाध रूप से हो सके. इसके साथ ही, इस रूट पर अत्याधुनिक ”कवच” प्रणाली की स्थापना भी तेजी से की जा रही है, जो ट्रेन टकराव जैसी घटनाओं से सुरक्षा सुनिश्चित करेगी.

मिशन रफ्तार से यात्रियों को होगा बड़ा फायदा

इस परियोजना के पूर्ण होने से यात्रियों को न केवल कम समय में गंतव्य तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी, बल्कि मालगाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ेगी, जिससे लॉजिस्टिक्स नेटवर्क मजबूत होगा और रेलवे की आय में भी वृद्धि होगी

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