हजारीबाग शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आयुष परिसर में 100 से अधिक औषधीय पौधे लगाए गए. ताकि मरीजों को इलाज में मदद मिल सके.
हजारीबाग: शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग में मरीजों के इलाज के लिए औषधीय पौधे लगाए गए हैं. औषधि के साथ औषधीय उपचार से बीमारी को ठीक करने का प्रयास किया जाएगा. इसके लिए परिसर में हर्बल गार्डन तैयार किया जा रहा है. इसमें करीब 100 प्रकार के जरूरी औषधीय पौधे लगाए गए हैं. यह कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सक्षम है.
अस्पताल में तैनात डॉक्टर शिखा खंडेलवाल बताती हैं कि लोग छोटी-छोटी बीमारियों के लिए ज्यादा महंगी और ताकतवर दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. एलोपैथी में कई ऐसी दवाएं हैं, जो तुरंत फायदा तो देती हैं, लेकिन उनके साइड इफेक्ट भी होते हैं. ऐसे में आयुर्वेद लोगों को राहत दे सकता है. यह सस्ता होने के साथ हर तरह से फायदेमंद है.
डॉक्टर शिखा खंडेलवाल भी कहती हैं कि ये ऐसे पौधे हैं जो जीवनदायिनी हैं और इनके इस्तेमाल से कई तरह की बीमारियों से मुक्ति मिल सकती है. हर्बल गार्डन में लगाए गए औषधीय पौधे कई जरूरतमंद मरीजों के लिए वरदान बन गए हैं. पेट की बीमारियों और दूसरी छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को यहां मुफ्त में हर्बल दवा दी जाती है. लेकिन यह पौधा विशेष परिस्थितियों में ही दिया जाता है. इस गार्डन में एलोवेरा, पुदीना, लेमनग्रास, लौंग, हरसिंगार, सप्तपर्णी, अजवाइन के पत्ते, अश्वगंधा, सीतावर, तितराज, कपूर, शंखपुष्प, शुगर क्योर, पत्थलचूर आदि के पौधे लगाए गए हैं. ऐसे पौधे घर में भी लगाए जा सकते हैं.
जानिए किन बीमारियों के लिए फायदेमंद हैं आयुर्वेदिक पौधे
- भूख न लगना : अदरक के टुकड़े लें और उसे नींबू के रस और स्वादानुसार काला नमक के साथ पीस लें और खाने से पहले खा लें.
- मुंहासे : संतरे के छिलके का पाउडर, रक्त चंदन, मुल्तानी मिट्टी को मिलाकर पेस्ट बना लें. इसे चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद धो लें.
- दर्द : नारियल के तेल में लहसुन की कली डालकर तेल को तब तक गर्म करें जब तक लहसुन की कली लाल न हो जाए, इसके बाद इस तेल से मालिश करें.
- बुखार : अदरक और तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस लें, इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और इस मिश्रण को दिन में चार बार पिएं.
- कब्ज : एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच नींबू का रस (स्वादानुसार नमक) मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पिएं.
- सर्दी-खांसी : अदरक, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते डालकर बनी चाय पिएं.
- अस्थमा : पिप्पली को शहद के साथ लें.
घरेलू उपचार में इस्तेमाल होने वाले औषधीय पौधों में ब्राह्मी, हल्दी, तुलसी, एलोवेरा, गोखरू, बिल्व, गिलोय, आंवला, शतावरी, अश्वगंधा, अदरक, भूम्यामलक, मंडूक, बला और नीम शामिल हैं.