ऑर्ट ऑफ लिविंग के जरिए आप अपने जीवन में तनाव को और बीमारी को कैसे खुद से दूर रख सकते हैं. जीवन जीने का मंत्र क्या है. ये श्रीश्री रविशंकर ने भागलपुर में बताया..
आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर रविवार को बिहार के भागलपुर पहुंचे. जहां सैंडिस कंपाउंड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही. इस दौरान श्रीश्री ने लोगों को तनाव और बीमारी से दूर होकर जीने के मंत्र दिए.
तनाव से मुक्ति पाने के लिए क्या करें?
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि तनाव से मुक्ति पाने के लिए श्वासों पर ध्यान केंद्रित करनी चाहिए. ध्यान से मन शांत होता है, प्रफुल्लित होता है. बुद्धि तीक्ष्ण हो जाती है और प्रसन्नता आती है. प्राणायाम करना इसलिए आवश्यक होता है. प्रसन्न मन से दिया गया आशीर्वाद सफलीभूत होता है. भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड मैदान में आर्ट ऑफ लिविंग और समय संगठन द्वारा आयोजित महासत्संग के दौरान उन्होंने ये बातें कही.
शिकायत में डूबे रहते हैं, तो बीमारी आ जाती है
ईश्वर के पांच कृत्यों सृष्टि, पावन, लय करना, अनुग्रह करना और तिरोहित होने की चर्चा उन्होंने की. श्रीश्री ने कहा कि जीवन के प्रति हम धन्यभागी नहीं होते हैं. शिकायत में डूबे रहते हैं, तो बीमारी आ जाती है. आप जिससे आत्मीय होते हैं, उनका आचरण भी आपके प्रति आत्मीय हो जाता है. मुक्त जिएं, सहजता पूर्वक जीना ही जीवन की कला है.
मन में कोई खुंदक हो तो करें ध्यान, मिलेगा अवश्य समाधान: श्रीश्री रविशंकर
अपने प्रवचन के दौरान गुरुदेव मंच पर खड़े हो गये. इस दौरान उन्होंने कहा कि भक्तों में इतना बल है कि वह कुछ भी कर सकते हैं. आप भी ऐसे खड़े हो जाओ कि कोई हिला न सके. प्रसन्न ऐसे रहो कि कोई दुखी न कर सके.
जैसा जानवर भगवान वैसी ही देते हैं पूंछ
श्रीश्री ने कहा कि समस्याएं आती हैं तो उसका हल भी होता है. जैसा जानवर होता है, भगवान वैसा ही पूंछ देते हैं. ताकि उक्त जानवर अपनी पूंछ को आसानी से हिला सकें. श्रीश्री ने कहा कि जो समस्याओं को झेल सकते हैं, भगवान उसकी को समस्या देते हैं. लेकिन धैर्य रखना चाहिए समस्याएं समाप्त हो जाती हैं.
भारतीय भोजन शैली सर्वश्रेष्ट
श्रीश्री ने कहा कि भारत की भोजन शैली सर्वश्रेष्ठ है. यहां के भोजन में मनुष्य के हर अंगों के लिए पोषक तत्व है. भोजन से हमें शक्ति आती है. उन्होंने पाश्चात्य भोजन से लोगों को दूर रहने को कहा. इस क्रम में उन्होंने लिट्टी और बैंगन के भरते की भी चर्चा की. भोजन से हमें शक्ति आती है. उन्होंने चार आवश्यकता शक्ति, युक्ति, भक्ति और मुक्ति का जिक्र करते हुए उक्त बातों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि विश्राम भी मनुष्य के लिए आवश्यक है. नींद से भी हमें शक्ति मिलती है.