Tuesday, April 29, 2025

अकूत संपत्ति का मालिक है रेलवे का चीफ इंजीनियर, अब CBI खंगालेगी पूरे परिवार की कुंडली

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सीबीआई ने रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद समेत चार लोगों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि चीफ इंजीनियर के भाई और पिता ने ठेका दिलाने और बिल भुगतान के एवज में कमीशन मांगा था। सीबीआई ने छापेमारी में दस्तावेज बरामद किए हैं और अब बैंक खातों की जांच कर रही है ताकि रिश्वत की राशि का पता लगाया जा सके।

रेलवे में ठेका दिलाने व बिल भुगतान के एवज में कमीशन वसूलने के मामले की जांच में सीबीआई जुटी हुई है। गत 25 अप्रैल को गिरफ्तार साउथ इस्ट सेंट्रल रेलवे बिलासपुर के चीफ इंजीनियर सहित चार आरोपितों के मामले में सीबीआई की दिल्ली स्थित अपराध निरोधक शाखा ने रेलवे के अधिकारी व निर्माण कार्य से जुड़ी कंपनी झाझरिया निर्माण लिमिटेड से जुड़े सात नामजद के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। कांड के अनुसंधानकर्ता सीबीआई के इंस्पेक्टर एमके पांडेय हैं।

सीबीआई ने इस मामले में अनुसंधान तेज किया है और रिश्वत कांड में कोर्ट में भी इससे संबंधित ब्योरा उपलब्ध कराया है। सीबीआई की ओर से बताया गया है कि 25 अप्रैल को जांच एजेंसी ने रांची के हटिया में 32 लाख रुपये रिश्वत लेते चार को दबोचा था।

इनमें साउथ इस्ट सेंट्रल रेलवे विलासपुर के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद को छत्तीसगढ़ से, जबकि उनके भाई कुणाल आनंद व पिता आनंद कुमार झा को रांची से पकड़ा था। चीफ इंजीनियर के भाई व पिता ही झाझरिया निर्माण लिमिटेड के कर्मचारी मनोज पाठक से रिश्वत के 32 लाख रुपये ले रहे थे।

सीबीआई ने रिश्वत के साथ पकड़े गए आरोपितों की निशानदेही पर रांची, विलासपुर व छत्तीसगढ़ के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी में भारी मात्रा में लेन-देन से संबंधित दस्तावेज बरामद किया था। अब सीबीआई की टीम चीफ इंजीनियर व उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खाते खंगाल रही है।

कई जगह बनाई अवैध संपत्ति 

सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश में है कि चीफ इंजीनियर ने रिश्वत की राशि से कितने की चल-अचल संपत्ति बनाई। भविष्य में ये अवैध संपत्तियां जब्त भी होंगी। कहा जा रहा है कि परिवार के पास कई जगह फ्लैट और दुकान भी है। निर्माण कार्य से जुड़ी झाझरिया निर्माण लिमिटेड के खाते भी खंगाले जा रहे हैं। 

इनपर दर्ज हुई है प्राथमिकी 

  • विशाल आनंद : मुख्य अभियंता, साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे, बिलासपुर, छत्तीसगढ़
  • शील झाझरिया उर्फ सुशील कुमार अग्रवाल : निजी व्यक्ति, मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड में प्रबंध निदेशक 
  •  सारांश झाझरिया: मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड में निदेशक 
  • विनाप झाझरिया : मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड में निदेशक। 
  • मनोज पाठक : मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड में कर्मचारी 
  • आनंद कुमार झा : विशाल आनंद के पिता 
  • कुणाल आनंद : विशाल आनंद के भाई 
  • मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड व अन्य अज्ञात। 

यहां पढ़िए पूरा मामला

सीबीआई को सूचना मिली थी कि साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के अधिकारी-कर्मी मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुशील झाझरिया व उनके बेटों सारांश झाझरिया व विनाप झाझरिया के साथ भ्रष्टाचार संबंधित गतिविधियों में लिप्त हैं।मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड छत्तीसगढ़ के विलासपुर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी है। ये कंपनी रेलवे कंस्ट्रक्शन का ठेका लेती है और बिल भुगतान के एवज में कमीशन का भुगतान करती है।सूत्रों ने सीबीआई को बताया था कि मेसर्स झाझरिया निर्माण लिमिटेड ने साउथ इस्ट सेंट्रल रेलवे बिलासपुर में कई छोटे-बड़े काम किए। इनमें पुल, रेलवे ओवरब्रिज, रेलवे अंडरब्रिज, ट्रैक लाइनिंग कार्य आदि शामिल थे।सूत्रों से सीबीआई को यह भी जानकारी मिली थी कि 21 अप्रैल को सुशील झाझरिया ने अपने बेटे विनाप झाझरिया को बताया था कि उनकी रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद से विलासपुर में बैठक हुई है। उक्त बैठक में पूर्व के सभी लंबित मामलों पर बातचीत हुई थी।मुख्य अभियंता विशाल आनंद से बातचीत के बाद सुशील झाझरिया ने अपने कर्मचारी मनोज पाठक को निर्देश दिया था कि वह विशाल आनंद के रिश्तेदार को रांची में करीब 32 लाख रुपये पहुंचा दे।

सीबीआई ने रंगे हाथ दबोचा था

इसके बाद विशाल आनंद ने भी अपने भाई कुणाल आनंद को निर्देशित किया कि रांची के हटिया में मनोज पाठक 25 अप्रैल को 32 लाख रुपये देगा, उसे ले लेना है।इस सूचना के बाद मुख्य अभियंता विशाल आनंद के भाई कुणाल आनंद व विशाल आनंद के पिता आनंद कुमार झा रिश्वत की राशि लेने के लिए हटिया पहुंचे। इसके बाद ही सीबीआई ने रिश्वत देने वाले व रिश्वत लेने वालों को रंगे हाथ पकड़ा और छानबीन शुरू की।

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